Move to Jagran APP

टस से मस नहीं बागी, सियासतदारों के छूटे पसीने

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : निकाय चुनावों की रणभेरी बजने और नामांकन पत्रों की जांच पूरी ह

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Oct 2018 10:58 PM (IST)Updated: Fri, 26 Oct 2018 10:58 PM (IST)
टस से मस नहीं बागी, सियासतदारों के छूटे पसीने
टस से मस नहीं बागी, सियासतदारों के छूटे पसीने

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : निकाय चुनावों की रणभेरी बजने और नामांकन पत्रों की जांच पूरी होने के बाद अब राष्ट्रीय पार्टियों के उम्मीदवारों की धड़कनें और तेज होने लगी है। अब तक दोनों पार्टियों में बागियों को मनाने के लिए सियासतदारों ने खूब पसीना बहाया। लेकिन बागी टस से मस होने को तैयार ही नहीं हैं।

loksabha election banner

राष्ट्रीय दल कांग्रेस और भाजपा ने टिकट की घोषणा की तो दोनों पार्टियों में अध्यक्ष पद की उम्मीदवारी कर रहे है बांकी उम्मीदवारों ने पार्टियों के खिलाफ बगावती बोल शुरू कर दिए। कांग्रेस पार्टी के चार पुराने नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। एक ने बसपा का दामन पकड़ लिया तो तीन अन्य ने मिलकर एक को अध्यक्ष पद के लिए मैदान में उतार दिया। भाजपा में भी दो बागियों ने अलग अलग निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन भी करा लिया। सभी बागियों को नामांकन पत्र वैध भी पाए गए हैं। लेकिन दोनों राष्ट्रीय दल अभी तक बागियों को मनाने में नाकामयाब साबित हुए हैं। बागियों को मनाने के लिए दोनों दलों के नेताओं ने जी तोड़ कोशिश की। लेकिन नतीजा सिफर ही साबित हुआ। अब पार्टी पदाधिकारियों ने बागियों को मनाने के लिए हाईकमान से गुहार लगानी शुरू कर दी है। शनिवार को नाम वापसी का अंतिम दिन है। ऐसे में अगर बागी नहीं मानें तो दोनों पार्टियों के उम्मीदवारों के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.