तीन साल में पूरा न कर सके नौ किमी का सफर
संवाद सहयोगी, द्वाराहाट : कफड़ा तिपौला मोटरमार्ग को आधा अधूरा छोड़ दिए जाने से जनाक्रोश
संवाद सहयोगी, द्वाराहाट : कफड़ा तिपौला मोटरमार्ग को आधा अधूरा छोड़ दिए जाने से जनाक्रोश भड़कने लगा है। शेष निर्माण कायरें में विभागीय लापरवाही का आरोप लगाते हुए क्षेत्रवासियों ने सवाल उठाया कि आखिर तीन वषरें में पुल तो दूर विभाग नौ किमी लंबी रोड पर डामरीकरण तक नहीं करा सका है। दो टूक चेतावनी दी है कि यदि बुनियादी सुविधा से जुड़े मुद्दे पर उपेक्षा बंद न हुई तो जनांदोलन किया जाएगा।
शुक्रवार को कफड़ा-तिपौला मोटरमार्ग संघर्ष समिति के बैनर तले ग्रामीणों की तोली गांव में हंगामेदार बैठक हुई। क्षेत्रवासियों ने लोनिवि की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाए। कहा कि 2015 में किमी 12 पर खिरोघाटी नदी पर पुल निर्माण की निविदाएं आमंत्रित कर कार्य शुरू करवाया गया। मगर साढ़े तीन वर्ष बीतने के बावजूद पुल मूर्तरूप नहीं ले सका है। उल्टा आधा अधूरा ही छोड़ दिया गय है। इससे ग्रामीणों को मोटरमार्ग का लाभ नहीं मिल पा रहा। ग्रामीणों ने वर्ष 2004 में स्वीकृत इस सड़क के नौ किमी में डामरीकरण नही होने पर भी नाराजगी जताई। विभाग पर बेवजह शिथिलता बरतने का आरोप लगाया। इस दौरान विभाग द्वारा अधिग्रहित नाप भूमि का 14 वषरें बाद भी मुआवजा नही दिए जाने पर भी खूब भड़ास निकाली। कहा कि किसानों द्वारा कई बार माग किए जाने के बावजूद विभाग उनकी अनसुनी कर रहा। तय हुआ कि सभी समस्याओं का शीघ्र समाधान नही हुआ तो पुन: आदोलन किया जाएगा। बैठक में संघर्ष समिति अध्यक्ष बचे सिंह बिष्ट, भूपेंद्र अधिकारी, दीवान सिंह, माधो सिंह, जसोद सिंह, कमला देवी, हंसी देवी, आनंदी देवी, पान सिंह, चनी राम आदि मौजूद रहे।