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कोरोनाकाल में लाभकारी होंगे नए तकनीक आधारित शोध

बिपिन त्रिपाठी कुमाऊं प्राद्योगिकी संस्थान (बीटीकेआइटी) द्वाराहाट (अल्मोड़ा) में आयोजित कार्यशाला में विशेषज्ञों ने कहा कि कोरोनाकाल में नए तकनीक पर आधारित शोध ज्यादा लाभकारी साबित हो सकते हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 11:17 PM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 05:07 AM (IST)
कोरोनाकाल में लाभकारी होंगे नए तकनीक आधारित शोध
कोरोनाकाल में लाभकारी होंगे नए तकनीक आधारित शोध

संस, द्वाराहाट (अल्मोड़ा): बिपिन त्रिपाठी कुमाऊं प्राद्योगिकी संस्थान (बीटीकेआइटी) के एप्लाइड साइंस व कंप्यूटर साइंस विभाग में कार्यशालाएं हुई। विषय विशेषज्ञों ने वैश्विक महासंकट के इस दौर में 'तकनीक एक सेतु' तथा 'नई शिक्षा नीति-2020' पर व्याख्यान दिए। कहा कि कोरोनाकाल में तकनीकी क्षेत्र में हो रहे शोध मानवजगत के लिए लाभकारी साबित होंगे। विशेषज्ञों ने 36 वर्ष बाद बनी नई शिक्षा नीति को मानवीय एवं नैतिक मूल्यों के पुनर्निर्माण व रोजगार की दिशा में कारगर बताया। दोनों कार्यशालाओं का केंद्र तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार पर केंद्रित रहा।

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कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग में शुक्रवार को पाच दिनी फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यशाला के समापन समारोह में इंटेल कारपोरेशन यूएसए इंजीनियर डा. विप्रात सेलर, एनआइटी कुरुक्षेत्र की डा. सारिका जैन व दिल्ली के डा. सचिन सिंह, यूनिवर्सिटी आफ कोटा के डा. पीसी गुप्ता के साथ ही डा. करण वर्मा, वीएम थापर, डा. पवन चक्त्रवर्ती आदि ने कोरोनाकाल में हुए नए शोध व अध्ययन के बारे में जानकारी दी। बताया कि ये शोध कार्य महामारी से निपटने में तकनीकी तौर पर कैसे सहायक होंगे। निदेशक संस्थान प्रो. वीएम मिश्रा ने कार्यशाला में मिले अनुभव व निष्कर्ष का लाभ विद्यार्थियों व समाज के अंतिम छोर तक पहुंचाने का आह्वान किया।

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नई शिक्षा नीति पर सकारात्मक नजरिया जरूरी

उधर एप्लाइड साइंस विभाग में 'नई शिक्षा नीति-2020' विषयक आनलाइन कार्यशाला में विशेषज्ञों ने तमाम अहम सुझाव दिए। कहा कि 1986 के बाद अब बनी शिक्षा नीति चरित्र निर्माण, रोजगारपरक तथा गुणवत्तापूर्ण है। इसमें पढ़ने के बजाय सीखने पर ज्यादा जोर दिया गया है। विशेषज्ञों ने कहा कि परिवर्तन प्रकृति का नियम होने के चलते शिक्षा नीति में बदलाव को सकारात्मक नजरिये सोचना जरूरी है। इस नीति के तहत शत प्रतिशत पंजीकरण से देश का हर विद्यार्थी लाभांवित होगा। डा. बीएस तिवारी, प्रो. शाति नयाल, प्रो. जीएस नयाल, डा. आरके पाडे, डा. अरविंद भट्ट आदि ने विचार रखे।

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