Move to Jagran APP

मुस्लिम दंपती ने पेश की एकता की मिसाल, जागेश्वर धाम में की पूजा अर्चना

एक मुस्लिम दंपती ने कौमी एकता की मिसाल पेश की है। उन्होंने जागेश्वर धाम पहुंचकर विधि विधान से पूजा अर्चना की।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 23 Jun 2018 09:00 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jun 2018 05:25 PM (IST)
मुस्लिम दंपती ने पेश की एकता की मिसाल, जागेश्वर धाम में की पूजा अर्चना
मुस्लिम दंपती ने पेश की एकता की मिसाल, जागेश्वर धाम में की पूजा अर्चना

जागेश्वरधाम, अल्मोड़ा[जेएनएन]: प्रसिद्ध जागेश्वर धाम में शनिवार को पश्चिम विहार, दिल्ली से आये एक मुस्लिम जोड़े ने विधि विधान से रुद्राभिषेक करते हुए कौमी एकता की अनूठी मिसाल कायम की है।

loksabha election banner

जागेश्वर धाम में दिल्ली से आये नवदंपती ने भगवान भोले नाथ के दरबार में पूजा अर्चना करने की अनुमति मंदिर प्रबंधक भगवान भट्ट से मांगी। नाम और वल्दियत मालूम होने पर प्रबंधक भी आश्चर्यचकित रह गये। इसके बाद प्रबंधक ने उनकी आस्था को देखते हुए जागनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी हेमंत भट्ट को बुलाकर उन्हें पूजा-अर्चना कराने की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी।

जागनाथ धाम प्रबंधन कार्यालय में उन्होंने अपना नाम मुख्तार अली पुत्र जमाउद्दीन, निवासी पश्चिम विहार, दिल्ली लिखाकर पांच सौ रुपये की रसीद प्राप्त की और पूजा करने की अनुमति ली। प्रधान पुजारी हेमंत भट्ट ने मंदिर परिसर में ही मुख्तार अली व पत्नी से विधि-विधान से रूद्राभिषेक कराया।

साथ ही उन्हें जागेश्वर महात्म्य की पुस्तिका, रूद्राक्ष की माला और प्रतीक चिन्ह भेंट किया। मुख्तार अली ने बताया कि उनका जन्म मुस्लिम परिवार में हुआ है। भोले शंकर पर आस्था के कारण ही वह बाबा के दर्शन करने दिल्ली से यहां आए हैं।

पेशे से पत्रकार हैं मुख्तार अली
जागेश्वर धाम में विधि विधान से पूजा अर्चना करने के बाद मुख्तार अली और उनकी पत्नी ने यहां पत्रकारों से संक्षिप्त वार्ता की। लोक सभा चैनल से जुड़े मुख्तार अली ने बताया कि वह समस्त द्वादश ज्योतिर्लिंगों के दर्शन कर चुके हैं और सभी मंदिरों में विधि विधान से पूजा अर्चना कर चुके हैं। उन्होंने जागेश्वर धाम की तारीफ करते हुए यहां की प्राकृतिक सुंदरता को बनाये रखने की अपील भी की।

नहीं बताया पत्नी का नाम 

मंदिर के पुजारी हेमंत भट्ट ने बताया कि रुद्राभिषेक के दौरान मुख्तार की पत्नी से भी अपना बताने को कहा गया तो उन्होंने इन्कार कर दिया। इस पर उनकी ओर से भी कोई दवाब नहीं बनाया गया। मंदिर में किसी भी व्यक्ति के पूजा-अर्चना पर कोई रोक-टोक नहीं है। 

यह भी पढ़ें: रोजा तोड़कर बचाई हिन्दू भाई की जिंदगी, समझाया इंसानियत सबसे बड़ा धर्म

यह भी पढ़ें: केदारनाथ में प्रसाद की थाली में चौलाई का लड्डू अनिवार्य : डीएम

यह भी पढ़ें: केदारनाथ के पौराणिक स्वरूप से हो रही छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं: तीर्थपुरोहित


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.