जैविक खेती से संवारेंगे पहाड़ की खेती
अल्मोड़ा में जैविक खेती को बढ़ावा दिने के लिए कृषि विभाग प्रयास कर रहा है। पहाड़ के काश्तकार इसे अपनाकर अपनी आर्थिक और बेहतर कर सकेंगे।
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : कोरोनाकाल में पर्वतीय क्षेत्रों में जैविक खेती को बढ़ावा दिए जाने को नए सिरे से कवायद तेज हो गई है। इसके तहत जहां मोटे अनाज का रकबा बढ़ाया जाएगा, वहीं किसानों को प्रेरित करने के लिए न्याय पंचायत स्तर पर प्रशिक्षण शिविर भी लगाए जाएंगे। कलस्टर विकसित कर सल्ट ब्लॉक की भांति जिले में आदर्श जैविक गांवों के माडल तैयार करने की योजना है।
बेशक पर्वतीय क्षेत्रों में तराई व भाबर की तरह अंधाधुंध रासायनिक उर्वरक व कीटनाशकों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। जिन कृषि प्रधान क्षेत्रों में रासायनिक खादों का उपयोग किया भी जा रहा है, वहां के किसानों को जैविक खेती के लिए प्रेरित करने के लिए कृषि विभाग नए सिरे से मुहिम चलाएगा। इसके लिए नए कलस्टर भी तैयार किए जा रहे हैं। पूरे जनपद के विभिन्न विकासखंडों में अभी तक 450 कलस्टर बनाए जा चुके हैं। उसी आधार पर जैविक विकासखंड विकसित कर उन्हें एक माडल के रूप में अपनाया जाएगा।
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'जिले में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न विकास खंडों में 450 कलस्टर बनाए गए हैं। इसमें कृषि विभाग के 270, उद्यान के 128, जैविक उत्पाद परिषद के 10, रेशम विभाग के 5 कलस्टर बनाए गए हैं। जैविक खेती के लिए काश्तकारों को जैविक कंपोस्ट बनाने के बारे में जानकारी दी जा रही है। जल्द ही काश्तकारों को जैविक खेती के उन्नयन को अन्य जरूरी प्रशिक्षण भी दिए जाएंगे।
-प्रियंका सिंह, मुख्य कृषि अधिकारी' ===
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