विधायक मनाने तो राज्यसभा सांसद आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे
अल्मोड़ा में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवायल व देघाट पीपीपी मोड पर नहीं बनेगा। प्रदर्शनकारियों को मिला आश्वासन है।
संवाद सहयोगी, मानिला (अल्मोड़ा) : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवायल व देघाट पीपीपी मोड पर नहीं दिए जाएंगे। विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के आश्वासन पर पिछले पांच दिनों से चला आ रहा बेमियादी धरना फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। शेष 14 ज्वलंत मुद्दों के निदान को विधायक ने 15 दिन की मोहलत मांगी। इधर खुमाड़ क्रांति के शहीदों को नमन करने के बाद राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा भी आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे।
सल्ट विकास संघर्ष समिति के बैनर तले पांच दिनों से खुमाड़ तहसील मुख्यालय के प्रांगण में बेमियादी धरना दिया जा रहा था। आंदोलनकारी सीएचसी देवायल व देघाट को पीपीपी मोड पर दिए जाने का पुरजोर विरोध के साथ ही क्षेत्र की 14 अन्य समस्याओं के लिए लामबंद थे। शनिवार को विधायक जीना आंदोलनकारियों से वार्ता व राज्यसभा सासद प्रदीप टम्टा आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे। धरने पर बैठे समिति के नारायण सिंह रावत ने वर्षो पुराने 15 ज्वलंत मुद्दे विधायक को गिनाए। आरोप लगाया कि कांग्रेस व भाजपा राज में पहाड़ का विकास ठप है। जनसमस्याओं की कोई सुनवाई नहीं हो रही। राज्यसभा सांसद टम्टा ने भी त्रिवेंद्र सरकार पर निशाना साधा।
======
तब विधायक निधि से लगाएंगे एक्स रे मशीन
विधायक ने भरोसा दिलाया कि क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी को पीपीपी मॉडल अपनाने की पहल की गई थी। मगर अब जनभावनाओं के अनुरूप निर्णय वापस ले लिया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष के आखिर तक सीएचसी देवायल में एक्सरे मशीन नहीं पहुंची तो वह विधायक निधि से लगवाएंगे। ऑपरेटर की व्यवस्था भी की जाएगी। इस दौरान एसडीएम शिप्रा जोशी व तहसीलदार कुलदीप पाडेय भी मौजूद रहे। धरने पर गोविंद बल्लभ उपाध्याय, अमित रावत, मनीष सुन्द्रियाल, देवेंद्र कड़ाकोटी, घनानंद शर्मा, मोहित गोयल, सुनील टम्टा, हेमंत बिष्ट, प्रेम सिंह तडि़याल, गौरव सिंह आदि बैठे।
==
==