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नंबरों के दबाव से न दबे लाडले का अमूल्य जीवन

जासं, हल्द्वानी, अल्मोड़ा : जीवन में पाने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन कई बार हम चंद चीजों में

By JagranEdited By: Published: Mon, 28 May 2018 12:15 AM (IST)Updated: Mon, 28 May 2018 12:15 AM (IST)
नंबरों के दबाव से न दबे लाडले का अमूल्य जीवन
नंबरों के दबाव से न दबे लाडले का अमूल्य जीवन

जासं, हल्द्वानी, अल्मोड़ा : जीवन में पाने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन कई बार हम चंद चीजों में अटक कर रह जाते हैं। ऐसा तब होता है, जब हमारा नजरिया संकीर्ण हो जाता है। हम केवल भौतिक संसाधन तक सीमित हो जाते हैं। जबकि जीवन इतने तक सीमित नहीं है। इसके तमाम पहलू हैं। इसे समझने के लिए हमें अपनी सोच ऊंची रखनी होगी। यही सकारात्मक सोच हमें जीवन के वास्तविक उद्देश्य तक ले जाती है, लेकिन वर्तमान में अधिकांश अभिभावकों की सोच सिर्फ मा‌र्क्स पर अटक कर रह गई है। जो कि गलत है।

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अभिभावकों को ध्यान रखना चाहिए कि मा‌र्क्स ही सबकुछ नहीं हैं। कई बार हमने देखा है। बहुत अधिक मा‌र्क्स लाने वाले विद्यार्थी भी जीवन में सफल नहीं हो पाते हैं। उनका जीवन असामान्य हो जाता है। अगर मैं खुद अपनी बात करूं तो मैं हमेशा एवरेज स्टूडेंट रहा, लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी। निरंतर अध्ययन में जुटा रहा। मेहनत से कभी जी नहीं चुराया। ईमानदारी से अपने लक्ष्य के लिए समर्पित रहा। यही तो है जीवन। इसमें सफलता-असफलता जीवन का हिस्सा है। इससे घबराना नहीं चाहिए।

आज अधिकांश विद्यार्थियों के सामने मा‌र्क्स हासिल करने का जबरदस्त दबाव है। गलाकाट प्रतिस्पर्धा के इस माहौल में पैरेंट्स को चाहिए कि बच्चे की क्षमता को पहचानें। उसी क्षमता के आधार पर लाडले को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें। उसे अच्छा माहौल दें। अगर हर समय जरूरत से ज्यादा मा‌र्क्स लाने का दबाव बना रहता है तो ऐसे में मासूम बच्चे के कोमल दिमाग पर नकारात्मक असर पड़ने लगता है। यह मानसिक दबाव विद्यार्थी के भविष्य के लिए ठीक नहीं है। अगर इस स्थिति में बच्चा मा‌र्क्स ले भी आता है तो वह अपने समग्र जीवन में कितना सफल हो पाएगा, यह कहना कठिन हो जाता है। इसलिए जरूरी है कि अपने लाडले के समग्र विकास पर ध्यान दें।

-विनोद कुमार सुमन, जिलाधिकारी, नैनीताल

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सहनशीलता का पाठ पढ़ाएं

आजकल बच्चों में सहनशीलता कम हो गई है। ऐसे में पैरेंट्स को जरूरत है कि बच्चों को सहनशीलता का पाठ पढ़ाएं। संस्कारों को समझने के लिए प्रेरित करें। मा‌र्क्स के साथ ही अमूल्य जीवन का महत्व समझाएं। समाज सेवा की भावना विकसित करें। एक-दूसरे से प्रेम करने के लिए भी प्रेरित करें।

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सोशल मीडिया से दूरी जरूरी

वर्तमान में सोशल मीडिया से भले ही हम ग्लोबल हो गए हैं, लेकिन बच्चों पर इसका नकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। पढ़ाई के अलावा जरूरत से ज्यादा सोशल मीडिया पर समय व्यतीत करना ठीक नहीं है। पैरेंट्स बच्चों की इस तरह की एक्टिविटी पर भी नजर रखें।

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कॅरियर की हैं अपार संभावनाएं

जहां तक कॅरियर का सवाल है, इसे सीमित न रखें। दुनिया भर में विभिन्न क्षेत्रों में कॅरियर की अपार संभावनाएं हैं। तमाम अभिभावक अपने बच्चों की तुलना दूसरों से करते हैं। उसी आधार पर कॅरियर चुनने के लिए दबाव बनाते हैं। जबकि, बच्चे की क्षमता किसी और फील्ड में नया करने की है। इसलिए बच्चों की मनोस्थिति व साम‌र्थ्य को देखें और कॅरियर निर्धारित करने में सहयोग करें।


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