नेतृत्व क्षमता का उपयोग छात्र हित में करें प्रिंसिपल
संवाद सहयोगी अल्मोड़ा क्षमता संवर्द्धन एवं नवाचारी कार्यक्रमों के संदर्भ में मॉडल विद्यालयों के
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : क्षमता संवर्द्धन एवं नवाचारी कार्यक्रमों के संदर्भ में मॉडल विद्यालयों के प्रधानाचार्यो की कार्यशाला यहां जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित की गई। इस मौके पर डायट के प्राचार्य डॉ. राजेंद्र सिंह ने प्रधानाचार्यो का आह्वान किया कि वह विद्यालय में सीमित संसाधनों के होने पर भी अपने कुशल नेतृत्व क्षमता का उपयोग छात्र हित में करें।
इस मौके पर प्राचार्य डॉ. सिंह ने कहा कि सरकार ने नामांकन व गुणवत्ता वृद्धि के लिए विभिन्न जिलों में मॉडल विद्यालयों की स्थापना की है। कहा कि मॉडल विद्यालयों को भौतिक व मानवीय संसाधनों से संपन्न बनाया जा रहा है। राजकीय बालिका इंटर कालेज रानीखेत की प्रधानाचार्या नीलम नेगी ने कहा कि बदलते समाज में शिक्षकों को आधुनिक तकनीकी के माध्यम से शिक्षण कार्य करते हुए हर पल अपडेट रहने की आवश्यकता है। उन्होंने अपने कार्यस्थल के विद्यालय में किए गए विभिन्न कार्यक्रमों व गतिविधियों का पावर प्वाइंट के माध्यम से प्रस्तुतिकरण किया। डायट के वरिष्ठ प्रवक्ता जीएस गैड़ा ने कहा कि मॉडल विद्यालयों के प्रधानाचार्यो को केंद्रीय विद्यालयों के प्रधानाचार्यो की भांति अधिकार संपन्न बनाए जाने की आवश्यकता है। तभी वह निजी विद्यालयों से प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे। उन्होंने मॉडल विद्यालयों में विभिन्न शैक्षिक कार्यकलापों पर भी चर्चा की। राकेश मिश्रा ने विद्यालय विकास के लिए नवाचारी कार्यक्रम, डॉ. दीपा जलाल ने मिशन कोशिश के अंतर्गत मासिक परीक्षा, प्रतिभा दिवस के साथ ही गाइडेंस व काउंसिलिंग पर भी चर्चा की। इस मौके पर प्रधानाचार्य मदन एस मेर, डॉ. एके श्रीवास्तव, हरीश बनाई, घनश्याम पंत, जगदीश बोरा, पवन कुमार, गरिमा जोशी, हरीश कुमार, नवीन चंद्र, शेर सिंह, डॉ. ललित मोहन सिंह, भगवती प्रसाद नैनवाल, अजय कुमार जोशी समेत विभिन्न विकास खंडों के विद्यालयों से पहुंचे प्रधानाचार्य मौजूद थे।