फाइलों में लटकी करोड़ों की पेयजल योजनाएं
संवाद सहयोगी, मौलेखाल (अल्मोड़ा) : पेयजल की किल्लत से जूझ रहे सल्ट के ग्रामीणों को इस ग
संवाद सहयोगी, मौलेखाल (अल्मोड़ा) : पेयजल की किल्लत से जूझ रहे सल्ट के ग्रामीणों को इस गर्मी के सीजन में भी पेयजल के लिए इधर-उधर हाथ पांव मारने पड़ सकते हैं। इन क्षेत्रों के सैंकड़ों गांवों को पेयजल मुहैया कराने के लिए यहां दो पेयजल योजनाएं सालों पहले स्वीकृत कराई गई। लेकिन आज तक इन योजनाओं का कार्य पूरा नहीं हो सका है।
करीब पांच साल पहले सल्ट के लोगों को पेयजल मुहैया कराने के लिए कोटेश्वर-शशीखाल और हंसीढूंगा-गुजडूकोट पेयजल योजना स्वीकृति दी गई। कोटेश्वर-शशीखाल योजना का कार्य तो वर्ष 2014 में जल निगम नौला ने शुरू कर दिया यह योजना आज भी पूरी नहीं हो पाई है। लाइनों की टेस्टिंग के कार्य अब भी अधर में लटके हैं। जबकि हंसीढूंगा- गुजडूकोट पेयजल योजना की फाइल भी अभी शासन में लटकी हुई है। सालों पहले घोषणा होने के बाद जल निगम ने इस योजना के निर्माण के लिए करीब 38 करोड़ रुपये का इस्टीमेट बनाया। जिसे अभी तक स्वीकृति नहीं मिल पाई है। जिस कारण यह योजना भी परवान नहीं चढ़ सकी है। स्थानीय लोगों को उम्मीद थी कि इन योजनाओं के माध्यम से यहां के करीब डेढ़ सौ से अधिक गांवों की पेयजल समस्या दूर होगी, लेकिन कार्यदायी संस्थाओं की हील हवाली के कारण लोगों का यह सपना आज भी पूरा नहीं हो सका है।
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दिसंबर में शुरू होनी थी योजना
करोड़ों रुपये की कोटेश्वर शशीखाल योजना को दिसंबर 2018 तक हर हाल में पूरा कर इससे लोगों को पेयजल मुहैया कराया जाना है। अधिकारियों ने स्वयं इस तिथि तक योजना संचालित करने की बात भी कही। लेकिन जनवरी का महीना लगभग बीत जाने के बाद भी यह योजना शुरू नहीं हो पाई है। ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारी और जनप्रतिनिधि पेयजल योजना के नाम पर उन्हें गुमराह कर रहे हैं।
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कोटेश्वर-शशीखाल पेयजल योजना का निर्माण कार्य जारी है। थोड़ा बहुत जो कार्य बचा है उसे पूरा कराया जा रहा है। जल्द ही योजना से लोगों को पेयजल मुहैया कराया जाएगा।
-केएन सेमवाल, अधिशासी अभियंता, जल निगम, नौला