वैदिक मंत्रों व शंखध्वनि से गूंज उठा कथा पंडाल
क्षेत्र के प्रसिद्ध मंदिर मां नदादेवी शक्तिपीठ कोट्यूड़ा जाबर ताल में चल रही श्रीमद्भागवत कथा समाप्त हो गई है।
चौखुटिया, जेएनएन: मंदिर समिति एवं ग्रामीणों के सामूहिक सहयोग से क्षेत्र के प्रसिद्ध मंदिर मां नंदादेवी शक्तिपीठ कोट्यूड़ा-जाबर-ताल में चल रहा श्रीमद्भगवत महापुराण कथा ज्ञान महोत्सव शुक्रवार को हवन यज्ञ व भंडारे के साथ संपन्न हो गया। गांव, परिवार व क्षेत्र की सुख-समृद्धि के लिए कई यजमानों ने अग्नि में सामूहिक पूर्णाहुतियां दीं। इस दौरान मंदिर परिसर शंख ध्वनि व वैदिक मंत्रोच्चारण से गूंज उठा। शाम को भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया।
कथा के समापन पर व्यास दुर्गा दत्त शास्त्री ने भागवत महापुराण के महत्व व महात्म्य को सविस्तार श्रद्धालुओं तक पहुंचाया। कहा कि कथा के महात्म्य को सुन लेने मात्र से ही मानव जीवन के कष्ट व दु:ख दूर हो जाते हैं तथा पापी से पापी व्यक्ति भी तर जाता है। धुंधकारी तारा का वृतांत सुनाते हुए व्यास ने कहा कि धुंधकारी ने जब बड़ी एकाग्रता से बांस के खंभे में बैठकर कथा का श्रवण किया तो उसे जीवन से मुक्ति मिल गई। उन्होंने सामूहिक रूप से किए गए यज्ञ को अत्यंत फलदायी बताया। कहा कि इससे भगवान भी खुश हो उठते हैं।
कथा के बीच बीच में संगीत की सुरलहरियों ने स्रोताओं को आनंदित कर दिया। शाम को सभी ने आरती में भागीदारी की एवं भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया। देर शाम तक मंदिर परिसर में महिला मंडली के भजनों के स्वर गूंजते रहे। संयोजक कुबेर सिंह कठायत ने कथा संपन्न कराने में सभी के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।