अस्पताल के लिए कनारीछीना व नौगांव वालों में ठनी
चिकित्सालय के मुद्दे पर कनारीछीना व नौगांव वालों के बीच रार बढ़ी।
संसू, धौलछीना (अल्मोड़ा): चिकित्सालय के मुद्दे पर कनारीछीना व नौगांव वालों के बीच रार बढ़ गई है। खींचतान खत्म कराने के लिए प्रशासन ने गहमागहमी के बीच पक्ष विपक्ष जानने के लिए पर्ची प्रणाली अपनाई। कनारीछीना में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाए जाने के पक्ष में 72 लोगों ने वोट किया। वहीं नौगांव की ग्राम प्रधान बैठक में पहुंची ही नहीं, जबकि अन्य ग्रामीण कनारीछीना के विरोध में अड़े रहे। एसडीएम ने कहा कि कनारीछीना का पक्ष मजबूत है, इसलिए अस्पताल भवन वहीं बनेगा।
दरअसल, भैंसियाछाना ब्लॉक के कनारीछीना में बीते सात दशक से किराए के भवन में स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है। वर्ष 2018 में अस्पताल का अपना भवन बनाने के लिए जमीन की तलाश की गई। तब कनारीछीना के नाम पर चल रहे स्वास्थ्य केंद्र के लिए नौगांव इंटर कॉलेज के पास जमीन चिह्नित कर बुनियाद डाली गई थी। बाद में कनारीछीना वाले विरोध में उतर आए। तब से अस्पताल के लिए खींचतान चल रही है। उधर नौगांव वालों का तर्क है कि जब स्वास्थ्य केंद्र भवन के लिए नींव डाल दी गई है तो अब कनारीछीना में निर्माण का औचित्य नहीं है। इसके निपटारे को एसडीएम सीमा विश्वकर्मा ने दोनों पक्षों की पंचायत बैठाई। ताकि समाधान निकाला जा सके। मगर नौगांव वाले विरोध पर अड़े रहे।
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नौगांव वालों का ये तर्क
नौगांव इंटर कालेज में करीब 700 बच्चे पढ़ते हैं। वहीं अस्पताल बनने से बूंगा, नौगांव, हटौला, खांकरी, बेलवाल गांव की करीब ढाई हजार आबादी को लाभ होगा। कनारीछीना वालों ने पहले जमीन नहीं दी। नौगांव में बुनियाद पड़ने के बाद जमीन का प्रस्ताव दिया। पूर्व ग्राम प्रधान मोहन सिंह बिष्ट, धीरज सिंह नेगी, गोपाल राम, मोहन सिंह नेगी, रवींद्र सिंह नेगी, सुंदर सिंह चम्याल, अमर सिंह चम्याल आदि ने कनारीछीना में स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण का विरोध करते हुए कहा कि वहां पहले जमीन उपलब्ध क्यों नहीं कराई गई।
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'कनारीछीना में अस्पताल पिछले 70 वर्षो से किराए के भवन में चल रहा है। नौगांव वालों का कथन गलत है। कनारीछीना में अस्पताल के लिए काफी जमीन है। जरूरत पड़ेगी तो मैं अपनी भूमि देने के लिए तैयार हूं। स्वास्थ्य केंद्र कनारीछीना के नाम से है तो वहीं बनेगा। आज वोटिंग भी कनारीछीना के पक्ष में ही हुई है।
- वीरेंद्र सिंह बिष्ट, प्रधान कनारीछीना'
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'हमने ठोस समाधान के लिए ही दोनों पक्षों को बुलाया था। पक्ष व विपक्ष दोनों को बात रखने का मौका दिया। आखिर में पर्ची सिस्टम अपनाया गया। कनारीछीना के पक्ष में 72 लोगों ने पर्ची डाली। नौगांव वालों ने वोट नहीं किया तो उनकी गलती है। उन्हें हिस्सा लेना चाहिए था। विरोध करना ठीक नहीं। कनारीछीना में भी सरकारी जमीन उपलब्ध है।
- सीमा विश्वकर्मा, एसडीएम