कपड़ों पर भी पड़ी महंगाई की मार
रोटी कपड़ा और मकान की जद्दोजहद में हर तरफ महंगाई की मार है।
कपड़ों पर भी पड़ी महंगाई की मार
जागरण संवादददाता, अल्मोड़ा : रोटी, कपड़ा और मकान की जद्दोजहद में हर तरफ महंगाई की मार है। रोटी और भवन निर्माण के साथ ही कपड़ों की महंगाई ने आम जनता को त्रस्त कर दिया है। कपड़ा व्यावसाय के साथ ही कपड़ों के खरीदार भी महंगाई से परेशान है। बाजार में कपड़े के दाम लगातार आसमान छू रहा है। जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने सीमित कपड़ा खरीदना शुरू कर दिया है, इससे व्यापार पर बुरा असर पड़ रहा है।
कोरोना के बाद से ही कपड़े के मूल्यों में भारी वृद्धि हुई है। लेकिन पिछले एक वर्ष में अंतरराष्ट्रीय स्तर से ही कपड़ों में दामों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। कपड़ा बाजार में महंगाई से कारोबार प्रभावित है। जबकि आम नागरिकों पर इसका सीधा प्रभाव पड़ रहा है। अल्मोड़ा बाजार में हर तरह के कपड़ों में 15 से 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष सभी कपड़ा महंगा हो गया है। स्कूल ड्रेस, साड़ी पैंट कमीज, सूट का कपड़ा सभी के दाम में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। कपड़ा खरीद महंगी सिलाई करवाने से भी लोग अब बच रहे हैं। हालांकि रेडिमेड की ओर अधिक रुख कर रहे हैं। पर रेडिमेड के दाम भी आसमान छू रहे हैं।
कपड़ों के दाम
कपड़ा अगस्त 2022 जून 2022 जून 2021
ब्लाउज-पेटीकोट(सूती) 95 रु मीटर 90 रु. मी. 85 रु. मी.
ब्लाउज-पेटीको(टेरीकोट) 110 रु. मी. 100 रु. मी. 88 रु. मी.
सूट 140 रु. मी. 135 रु. मी. 120 रु. मी.
पेंट कपड़ा 425 रु. मी. 400 रु. मी. 350 रु. मी.
कमीज कपड़ा 190 रु. मी. 175 रु. मी. 150 रु. मी.
धोती 350 रु. 330 रु. 300 रु.
स्कूल ड्रेस पेंट 280 रु. मी. 220 रु. मी. 240 रु. मी.
कमीज 95 रु. मी. 85 रु. मी. 80 रु. मी.
पिछले वर्ष की सापेक्ष इस वर्ष सभी कपड़ों के दामों में 20 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है। कारोबार पर भी बुरा असर पड़ रहा है। महंगाई के चलते ग्राहक भी कम हो गए हैं।
- चेतन कपूर, कपड़ा व्यावसायी अल्मोड़ा
सरकार को बढ़ती महंगाई पर गंभीरता से सोचना चाहिए। निर्धन वर्ग को देखते हुए कपड़ों के रेट तय किए जाने चाहिए। इस बीच बढ़ते कपड़े के दामों से लोगों की दिक्कतें बढ़ गई हैं।
- नितिन पांडे, अल्मोड़ा निवासी
कपड़े के दाम में हर साल वृद्धि हो रही है। जीएसटी से भी कपड़े महंगे होते जा रहे हैं। कपड़े और कास्मेटिक्स के दाम बढ़ने से आम नागरिकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हर तबके को ध्यान में रखते हुए मूल्य निर्धारित करना चाहिए।
- तबस्सुम, अल्मोड़ा निवासी
कपड़े और कास्मेटिक्स पर महंगाई की मार है। लगातार बढ़ रहे कपड़ों के दामों से लोगों को भारी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। महंगाई पर अंकुश लगना बहुत जरूरी है।
- हीना परवीन, अल्मोड़ा