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भारत-अमेरिका ने लिया मित्रता बरकरार रखने का संकल्प

14वां संयुक्त सैन्य युद्ध अभ्यास के समापन अवसर पर भारतीय सेना के मेजर जनरल सेना मेडल कवींद्र सिंह ने कहा, यह युद्धाभ्यास दो गणतांत्रिक देशों की मित्रता को नया आयाम देगा।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 29 Sep 2018 04:22 PM (IST)Updated: Sat, 29 Sep 2018 09:35 PM (IST)
भारत-अमेरिका ने लिया मित्रता बरकरार रखने का संकल्प
भारत-अमेरिका ने लिया मित्रता बरकरार रखने का संकल्प

रानीखेत, [जेएनएन]:  रक्षा सहयोग, सामरिक संबंधों की मजबूती का वादा और  आतंकवाद की वैश्विक चुनौती से मिल कर निपटने व विश्व शांति के संकल्प के साथ भारत व अमेरिका का 14वां 'संयुक्त सैन्य युद्ध अभ्यास-2018' की विदाई बहुत कुछ संदेश दे गई। भारतीय सेना के कमांडर मेजर जनरल (सेना मेडल) कवींद्र सिंह ने कहा, यह युद्धाभ्यास दो देशों की मित्रता को नया आयाम देगा। भविष्य में आतंकवाद के खात्मे तथा संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) के शांति मिशन को हम और बेहतर तकनीक व भरोसे के साथ अंजाम तक पहुंचाएंगे। वहीं अमेरिकी सैन्य कमांडर विलियम ग्राहम ने कहा, भारत व अमेरिकी फौज इस युद्धाभ्यास के बाद दोगुनी ताकत के साथ और करीब आए हैं। विश्वास जताया कि किसी भी मिशन में मिल कर कदम बढ़ाया जाएगा। 

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15-गढ़वाल राइफल्स की अगुवाई में चौबटिया सैन्य क्षेत्र में भारतीय सेना की 99-माउंटेन ब्रिगेड की गरुड़ डिविजन का ऐतिहासिक मैदान विश्व के दो बड़े लोकतांत्रिक राष्ट्रों की सामरिक मित्रता का गवाह बना। मैत्री द्वार से कदमताल करती भारतीय न अमेरिकी फौज ने परेड के जरिये अपने बुलंद हौसले प्रदर्शित किए। भारतीय राष्ट्रगान गण मन' व अमेरिकी 'स्टार स्पेंगल्ड बैनर' की धुन पर राष्ट्रीय ध्वज फहराए गए।

भारतीय व अमेरिकी सेना के कमांडरों ने सलामी ली। इसी के साथ 16 सितंबर से दो सप्ताह तक चले युद्धाभ्यास का समापन हुआ।  2004 से अब तक के इस सबसे बड़े व महत्वपूर्ण युद्धाभ्यास में जहां दोनों देशों की बटालियनों ने युद्धक तकनीकी, कौशल आदि का गहन प्रशिक्षण लिया, वहीं एक दूसरे के अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल कर संचालन की तकनीक भी साझा की। युद्धाभ्यास में 15-गढ़वाल रायफल्स व अमेरिका की 1/23 इंफेंट्री रेजिमेंट ने फील्ड ट्रेनिंग तथा कमांड पोस्ट में भारतीय सेना की गरुड़ डिवीजन व यूएस आर्मी की सातवीं इंफेंट्री डिवीजन ने हिस्सा लिया। इसमें 14-डोगरा व 13 सिख रेजीमेंट की भागीदारी भी रही। 

युद्धाभ्यास में ये रहे सबसे श्रेष्ठ जांबाज 

भारतीय सेना : कैप्टन रवि कुमार, हवलदार अरुण बिष्टï, 15-गढ़वाल रायफल्स, सूबेदार सुखविंदर सिंह 13-सिख रेजिमेंट, सिपाही विक्रम सिंह 14-डोगरा 

अमेरिकी सेना : कर्नल कैनाज वखारिया, लेफ्टिनेंट कर्नल क्रेज ए बॉयलस, कैप्टन जॉइल बैरट, सार्जेंट फस्र्ट क्लास मार्क रैली, स्टाफ सार्जेंट बलरीत खैरा, सार्जेंट मैथ्यू लोप्स

भारतीय सेना कमांडर मेजर जनरल कवींद्र सिंह ने कहा कि युद्धाभ्यास में सभी निर्धारित लक्ष्य हासिल किए। आगे और बेहतर तकनीक के साथ मिशन चलाए जाएंगे। अमेरिकी सेना की ड्रिल्स व टेक्टिस, मिलजुल कर कैसे ऑपरेशन चलाया जाता है, इसका अभ्यास किया गया। मिला जुला प्रशिक्षण हटकर होगा। अगले वर्ष अमेरिका में होगा युद्धाभ्यास। 

दोनों देशों की सेना ने नई ताकत हासिल की है। इस युद्धाभ्यास ने भारत व अमेरिका के बीच मित्रता को और बढ़ाया है। हम कल अपने देश लौट जाएंगे लेकिन हमारे रिश्ते बेहद करीब रहेंगे। हमें गर्व है कि हमने एक शांतिप्रिय देश व कारगर सेना के साथ अभ्यास कर बहुत कुछ सीखा। 

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