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आजैकि होली न्है ग्ये छ, फागुन उलौं कै गे छ..

संवाद सहयोगी अल्मोड़ा ऐतिहासिकसांस्कृतिक नगर समेत समूचे जिले में रंगों का पर्व छलड़

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Mar 2019 11:45 PM (IST)Updated: Fri, 22 Mar 2019 11:45 PM (IST)
आजैकि होली न्है ग्ये छ, फागुन उलौं कै गे छ..
आजैकि होली न्है ग्ये छ, फागुन उलौं कै गे छ..

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा: ऐतिहासिक,सांस्कृतिक नगर समेत समूचे जिले में रंगों का पर्व 'छलड़ी' हर्षोल्लास व रंगों की बौछार के साथ मनाई गई।

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गुरुवार को रंगोत्सव के मौके पर सूर्यदेव ने भी सुबह से ही दिन भर होल्यारों का खूब साथ दिया। इसके चलते नगर में छलड़ी पर्व की भारी धूम रही। लोगों ने एक-दूसरे को अबीर-गुलाल का टीका लगाकर तथा गले मिलकर होली की शुभकामनाएं दीं। कई जगह परंपरानुसार महिलाओं की टोलियों ने झोड़ा गायन भी किया। कई जगह होली गीतों पर जबर्दस्त नृत्य कार्यक्रम चला। बच्चों में भी खासा उत्साह देखा गया। सुबह से शुरू हुआ यह धूम का माहौल दोपहर बाद अपराह्न तक चला। अंत में होल्यारों की टीमों ने अपने-अपने क्षेत्र में कुमाऊंनी में होली के इन आशीर्वचनों के साथ छलड़ी व होली का समापन किया-रंग भरे-रंग भरे, रंग भरे, आज कन्हैया रंग भरे

होली खेली खालि मथुरा को चले, आज कन्हैया रंग भरे, आजैकि होली न्है ग्ये छ, फागुन उलौं कै गे छ, जी रया, जाग रया कै गे छ, फागुन उलौं कै गे छौ..। इधर छलड़ी के बाद शुक्रवार को टीके की रस्म अदायगी के साथ होली संपन्न हुई। विकास खंड भैसियाछाना के बिलवाल गांव स्थित भगवती मंदिर में भंडारे का आयोजन किया गया। इससे पूर्व भजन-कीर्तन कर क्षेत्रवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की गई। उधर तहसील भनोली के डुंगरा ग्राम में होली पर्व की धूम रही। उधर सोमेश्वर, पनुवानौला, धौलछीना, लमगड़ा व जैंती क्षेत्र में भी रंगों का पर्व होली धूमधाम से मनाई गई।


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