ऐतिहासिक दस्तावेजों का करना होगा संरक्षण
संवाद सहयोगी अल्मोड़ा ऐतिहासिक दस्तावेजों और धरोहरों के संरक्षण के लिए हमें वैज्ञाि
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : ऐतिहासिक दस्तावेजों और धरोहरों के संरक्षण के लिए हमें वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग करना होगा। तभी उन्हें लंबे समय तक सुरक्षित रखा जाएगा। इसके लिए सभी को इन वैज्ञानिक विधियों का ज्ञान होना काफी जरूरी है।
एसएसजे परिसर में संस्कृति विभाग उत्तराखंड की उप क्षेत्रीय इकाई अभिलेखागार नैनीताल की ओर से आयोजित एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए विशेषज्ञ नरेश कुमार ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि आज भी हमारे देश में अनेक दस्तावेज और पांडुलिपियां ऐसी हैं जो ऐतिहासिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण हैं। इसलिए उन्हें लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सके। इसके हमें वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग करना होगा। उन्होंने कार्यशाला में मौजूद लोगों को इन दस्तावेजों के संरक्षण के प्रति विस्तार से जानकारी दी और इन्हें अपने जीवन में अपनाने की बात कही। इस मौके पर अभिलेखागार के निदेशक अजय कुमार, मनोज जखमोला, नरेश कुमार, बिरेंद्र बर्गली, पीतांबर, समर शाह, देहराज, प्रो.वीडीएस नेगी, प्रो. दया पंत, प्रो. सीएम अग्रवाल, प्रो. अनिल जोशी, डॉ. चंद्र प्रकाश फुलोरिया समेत अनेक लोग मौजूद रहे।