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ऐतिहासिक नंदा महोत्सव की कमान अबकी मातृशक्ति के हाथ

संवाद सहयोगी अल्मोड़ा ऐतिहासिक मां नंदा देवी महोत्सव दूसरी सदी के तीसरे वर्ष (203 साल) में

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Sep 2019 10:33 PM (IST)Updated: Sun, 01 Sep 2019 10:33 PM (IST)
ऐतिहासिक नंदा महोत्सव की कमान अबकी मातृशक्ति के हाथ
ऐतिहासिक नंदा महोत्सव की कमान अबकी मातृशक्ति के हाथ

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : ऐतिहासिक मां नंदा देवी महोत्सव दूसरी सदी के तीसरे वर्ष (203 साल) में प्रवेश करने जा रहा। उत्तराखंड के नंदातीर्थ में अराध्य मां नंदा सुनंदा पंचमी यानी तीन सितंबर को मायके में पधारेंगी। चंदवंशी कुंवर करम चंद सिंह बाबा अपनी धर्मपत्नी मणिमाला सिंह समेत सपरिवार विघ्नहर्ता भगवान गणेश के बाद कुलदेवी का पूजन कर विशेष धाíमक अनुष्ठान व मेले का श्रीगणेश करेंगे। साथ देवपरंपरा से जुड़ी मां नंदा की जागर भी शुरू होगी। चूंकि पर्वतांचल की पुत्री मां नंदा सुनंदा को हिमालयवासियों की देवी बहन व बेटी मानी जाती हैं, इसीलिए अबकि महोत्सव की बागडोर मातृशक्ति को सौंप अनूठी शुरुआत की जा रही। उत्तराखंड के नंदातीर्थ यानी सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में अराध्य मां नंदा देवी महोत्सव की तैयारी करीब करीब पूरी कर ली गई है। रविवार से औपचारिक शुभारंभ हो गया लेकिन धाíमक महोत्सव तीन से आठ सितंबर तक चलेगा।

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महिलाओं को पूरी तवच्जो

=प्रतियोगिता संयोजक मेला : लीला बौरा, राधा तिवारी, रीता दुर्गापाल, गीता मेहरा, मीना भैसोड़ा, गीता आर्या, विमला तिवारी, प्रकाश फुलोरिया, उदय किरौला, रमेश लोहुमी, मनोज गुप्ता।

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सहसंयोजक मेला : पुष्पा सती, विमला बौरा, जता तिवारी, राधा बिष्ट, भगवती बिष्ट, विद्या बिष्ट, किरन साह, अनीता रावत, प्रीति बिष्ट, किरन पंत, मंजू बिष्ट, लीला जोशी, जीवन वर्मा, अमरनाथ सिंह नेगी, रामकुमार बिष्ट, राजेश पलनी, अरुण वर्मा, परितोष जोशी।

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एडम्स में बहेगी लोकसंस्कृति की बयार

गीता भवन के जीर्णोद्धार के मद्देनजर अबकी कुछ कार्यक्रम एडम्स बालिका इंटर कॉलेज में भी होंगे। समिति पदाधिकारियों ने बताया कि तीन सितंबर को उत्तराखंडी लोक संस्कृति से जुड़े मोहक कार्यक्रम वहीं होंगे। चार को 'भल इज' यानी अच्छी मां प्रतियोगिता व कवि सम्मेलन भी एडम्स में होगा। मंदिर परिसर में सेना व एसएसबी के बैंड की प्रस्तुति।

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कब क्या होंगे कार्यक्रम

= 04 सितंबर : पवित्र कदली वृक्ष आमंत्रण सायं 5:30 बजे

= 05 सितंबर : प्रात: 5:30 बजे कदली वृक्ष मंदिर परिसर लाए जाएंगे, 11:00 बजे से राज परिवार करेगा पूजन, पारंपरिक झोड़ा गीतों की प्रस्तुति (कचहरी मल्ला महल से एडम्स कॉलेज तक), दिन में 12:30 बजे से कदली वृक्षों से प्रतिमा निर्माण शुरू। सायं 5:00 बजे से पराणी काव्य संध्या (महिला कवि सम्मेलन), रात्रि आठ बजे मां नंदा सुनंदा की प्राण प्रतिष्ठा।

= 06 सितंबर : प्रात: चार बजे महाअष्टमी पूजन, मध्याह्न 12 बजे कुमाऊंनी हिदी गायन प्रतियोगिता (एडम्स में), सायं पांच बजे राजपरिवार की महिलाएं महाअष्टमी पूजन करेंगी, सायं छह बजे माता की चौकी, 7:30 बजे घुश्मेश्वर संस्था द्वारा चौकी व भंडारा, रात्रि आठ बजे महाअष्टमी पूजन।

= 07 सितंबर : प्रात: चार बजे महानवमी पूजन, 11 बजे महिला सांस्कृतिक शोभायात्रा व स्वांग प्रस्तुति (कचहरी से एडम्स तक), सायं पांच बजे भातखंडे संगीत महाविद्यालय की ओर से कथक नृत्य व भजन संध्या, रात्रि आठ बजे राजपरिवार की ओर से नवमी पूजन।

= 08 सितंबर : दिन में 12 बजे भारतीय सेना व एसएसबी बैंड की प्रस्तुति, दिन में एक बजे विसर्जन पूजन, सायं चार बजे से मां नंदा सुनंदा के डोले की भव्य शोभायात्रा दुगालखोला नौले तक।

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ट्रस्ट बनाने की वकालत

मां नंदादेवी मंदिर समिति पदाधिकारियों की बैठक में ऐतहासिक महोत्सव को राज्य मेले का दर्जा न दिए जाने की पीड़ा भी झलकी। वक्ताओं ने कहा, आयोजन को संस्कृति विभाग से मात्र दो लाख रुपये मिल रहे। जबकि खर्च सात आठ लाख हो जाता है। एक सुर से मंदिर को ट्रस्ट बनाए जाने पर भी जोर दिया गया। अध्यक्ष मनोज वर्मा ने कहा कि चंदवंशी केसी सिंह बाबा सहमति दे चुके। इस मौके पर मुख्य संयोजक मनोज सनवाल, सांस्कृतिक संयोजक ताराचंद्र जोशी, सहसंयोजक हरीश बिष्ट, सहसंयोजक मेला जीवननाथ वर्मा, अनूप साह, दीपलाल साह आदि मौजूद रहे।


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