अल्मोड़ा जिला मुख्यालय में स्वास्थ्य सुविधाएं बेदम, बगैर ऑक्सीजन आइसीयू का घुट रहा दम
अल्मोड़ा में कोरोना की दूसरी लहर ने घातक रफ्तार पकड़ ली है मगर इससे जंग को बीते वर्ष की गई तैयारी अभी तक अधूरी है।
संस, अल्मोड़ा : कोरोना की दूसरी लहर ने घातक रफ्तार पकड़ ली है। मगर अफसोस कि बीते वर्ष वैश्विक महामारी की दस्तक के बाद शुरू जीवन रक्षक आइसीयू के लिए ऑक्सीजन पाइपलाइन बिछाने का काम सालभर में भी पूरा नहीं किया जा सका है। नतीजतन, बगैर कृत्रिम प्राणवायु स्वास्थ्य सुविधाओं का खुद ही दम घुट रहा है। जाहिर है, संक्रमण का सामुदायिक प्रसार इसी गति से बढ़ता रहा और आपातकाल में मरीजों को आइसीयू की जरूरत पड़ी तो जान पर आफत आ सकती है। ये हाल तब हैं जब अल्मोड़ा में भीसंक्रमितों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है।
पिछले साल लॉकडाउन के बाद पैदा हुए जटिल हालात को अवसर में बदलने में तंत्र अब तक नाकाम रहा है। कोरोना से लड़ने को बीते वर्ष मई में स्वास्थ्य निदेशालय ने जिला चिकित्सालय में आइसीयू वार्ड को दो वेंटिलेटर भेजे थे। यूनिट कक्ष को भी मंजूरी दी गई। लापरवाही का आलम यह कि चिकित्सालय के प्रत्येक वार्ड तक ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए पाइपलाइन बिछाने में करीब आठ माह का वक्त लग गया। चार माह बीते चुके। 46 लाख रुपये खर्च कर तैयार पाइपलाइनों में ऑक्सीजन नहीं पहुंची है। प्रमुख चिकित्साधीक्षक डा. आरसी पंत ने बीती दिसंबर में दावा किया था कि फरवरी तक आइसीयू चालू कर दिए जाएंगे, मगर वही शून्य प्रगति।
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गर्भवती की मौत से भी नहीं लिया सबक
वेंटीलेटर के अभाव में जिला चिकित्सालय में प्रसूता व गर्भवती महिला की मौत के बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने सबक नहीं लिया। वर्तमान में कोरोना संक्रमण में अगर किसी मरीज का दम घुटा तो आधे अधूरे इंतजाम उसकी जिंदगी पर भारी पड़ सकते हैं।
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ऑक्सीजन जनरेटर योजना का दम फूला
आइसीयू के सफल संचालन को ऑक्सीजन जनरेटर लगाने की योजना का भी यहां दम फूल रहा। अब तक इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ है। उधर, कोविड हॉस्पिटल बेस चिकित्सालय में छह बेड का आइसीयू बन कर तैयार है, मगर उसे चालू नहीं किया जा सका है। ऐसे में जिंदगी व मौत के बीच झूल रहे गंभीर रोगियों को भगवान भरोसे हल्द्वानी रेफर करना बड़ी मजबूरी है। फिलवक्त, जिले में 22 ऑक्सीजन व चार जेंबो सिलेंडरों के बूते कोरोना से जंग लड़ी जा रही है।
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शोपीस बने 142 प्वॉइंट
जिला चिकित्सालय में पाइपलाइन के जरिये प्रत्येक वार्ड तक ऑक्सीजन पहुंचाने को 142 प्वॉइंट बनाए जाने हैं। मगर मरीजों को बेड पर ही कृत्रिम प्राणवायु नहीं मिल पा रही।
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'बेस अस्पताल का आइसीयू सेंटर सक्रिय करने को मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को पत्र भेज दिया है। जिला अस्पताल में ऑक्सीजन पाइप लाइन बिछा दी गई है। ऑक्सीजन जनरेटर स्थापित करने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। ताकि आपातकाल में मरीजों को लाभ मिल सके।
- डा. सविता ह्यांकी, सीएमओ अल्मोड़ा'