हिमालयी खजुराहो बनेगा शिल्पकला का प्रमुख केंद्र: हरीश रावत
अल्मोड़ा में बग्वाल मेला देखने पहुंचे सीएम हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड की समृद्धि शिल्पकला को नया आयाम देने की है।
द्वाराहाट, [जेएनएन]: हिमालयी खजुराहो यानी पौराणिक द्वारिका द्वाराहाट से देवभूमि की स्थापत्य कला को पुनर्जीवित किया जाएगा। कत्यूरकाल की समृद्धि प्रतिमा एवं शिल्प कला विज्ञान का गढ रही यह नगरी राज्य का प्रमुख केंद्र बनेगा। साथ ही एतिहासिक बग्वाली कौतिक को राजकीय मेला घोषित किया जाएगा।
यह बात अल्मोड़ा जनपद के बगवालीपोखर में पौराणिक बग्वाली मेले का श्रीगणेश करने पहुंचे मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कही। उन्होंने मेलों को पर्वतीय राज्य की पहचान बताते हुए उत्तराखंड की समृद्धि शिल्पकला को नया आयाम देने की सख्त जरूरत बताई।
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कहा कि पर्वतीय राज्य की स्थापत्य कला सदियों पूर्व विरासत में मिली सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है। मुख्यमंत्री ने स्थापत्य कला का प्रमुख केंद्र रही द्वाराहाट नगरी को शिल्पकला का प्रमुख केंद्र बनाए जाने की घोषणा की।
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साथ ही कत्यूर काल इससे पूर्व निर्मित दुर्लभ कलाकृतियों वह मंदिर समूहों के संरक्षण को प्रभावी कदम उठाए जाने की बात कही सीएम रावत ने बग्वाली मेले को क्षेत्र की पहचान बताया। साथ ही इसे राज्य मिला घोषित किए जाने की भी घोषणा की।
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उन्होंने कहा की पूर्व तथा वर्तमान विधायकों की कमेटी में प्रस्ताव पास कराया जाएगा। इससे पूर्व मुख्यमंत्री का क्षेत्र में पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। सांसद राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा, क्षेत्रीय विधायक मदन बिष्ट पूर्व विधायक एवं उक्रांद के केंद्रीय अध्यक्ष पुष्पेश त्रिपाठी, मेला समिति अध्यक्ष हरी सिंह अधिकारी आदि ने भी विचार रखें।
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