हरदा बोले, रावत जी! बताओ कां छू हमर ग्राष्मकालीन राजधानी
चौखुटिया में गैरसैंण राजधानी के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा सरकार को घेरा।
संवाद सहयोगी, चौखुटिया: गैरसैंण राजधानी के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के महासचिव हरीश रावत ने प्रदेश भाजपा सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी है। कहा कि गैरसैंण को राजधानी घोषित किए तीन माह बीत गए हैं मगर राज्य सरकार अभी तक गैरसैंण में राजधानी को लेकर ढांचागत सुविधाओं का विकास नहीं कर पाई है। इसलिए अब वह स्वयं गैरसैंण जाकर ग्रीष्मकालीन सरकार के दर्शन व उसके कामकाज की समीक्षा कर सियासी आक्रमण को धार देंगे।
रविवार को गैरसैंण जाते समय पूर्व सीएम यहां क्रांतिवीर चौराहे पर पत्रकारों से मुखातिब हुए। इससे पूर्व पार्टी कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी के बीच फूल मालाओं से उनका जोरदार स्वागत किया। रावत ने गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी को लेकर भाजपा सरकार पर कई सवाल खड़े किए। कहा कि 15 सितंबर को ग्रीष्मकाल समाप्त हो रहा है, लेकिन गैरसैंण में ग्रीष्मकालीन राजधानी के नाम पर कोई भी हलचल नहीं है। त्रिवेंद्र रावत सरकार को जनता के सामने स्पष्ट करना चाहिए कि सही मायने में ग्रीष्मकालीन राजधानी कहां है।
इस अवसर पर पूर्व विधायक मदन बिष्ट, मनोज तिवारी, हिमेश खर्कवाल, ब्लॉक प्रमुख चौखुटिया किरन बिष्ट, द्वाराहाट दीपक किरौला, प्रदेश सदस्य गणेश कांडपाल, राजेंद्र बाराकोटी व पूर्व राज्यमंत्री एके सिकंदर पवार आदि मौजूद थे।
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गैरसैंण को स्थायी राजधानी का संकल्प
गैरसैंण स्थायी राजधानी बनाने की वकालत करते हुए पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेस विधानमंडल दल ने एक स्वर से गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने का संकल्प लिया है। गैरसैंण में सभी ढांचागत सुविधाओं का विकास कर वर्ष 2022 तक गैरसैंण स्थायी राजधानी बनेगी। भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि त्रिवेंद्र रावत जी बताओ कां छू हमर ग्रीष्मकालीन राजधानी।
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जनता से जुड़ने का आह्वान किया
गैरसैंण जाने समय चौखुटिया चौराहे पर बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हरीश रावत का स्वागत किया। पूर्व दर्जा राज्यमंत्री कुबेर कठायत ने भी गुलदस्ता भेंट किया। रावत ने कार्यकर्ताओं से जनसमस्याएं पुरजोर तरीके से उठाने को कहा। गांव-गांव संगठन खड़ा कर पार्टी को मजबूत बनाने का आह्वान भी किया। मासी व पांडुवाखाल में भी उनका स्वागत हुआ। इस अवसर पर व्यापार संघ अध्यक्ष गणेश काडपाल, राजेंद्र किरौला, अध्यक्ष गोपाल मासीवाल, पूर्व प्रमुख बिशन राम, महेश लाल वर्मा, खष्टी अधिकारी, हेमा कठायत, कृष्णा राठौर, दरवान बिष्ट, जीवन नेगी आदि मौजूद रहे।