बढ़ती गर्मी से बढ़ा बीमारियों का ग्राफ
बढ़ती गर्मी के साथ-साथ बीमारियां भी बढ़ रही हैं।
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : एक ओर गर्मी और दूसरी तरफ जंगलों में लगती आग ने पहाड़ में इससे श्वांस रोगियों की समस्या बढ़ गई है। हाल की घटनाओं को देखें तो जिले में अब तक आग की 4 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इससे वातावरण में धुंध छाई है। इससे संबंधित क्षेत्र के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। धुंध की समस्या बढ़ा दी है। श्वांस रोग से संबंधित 10 से 12 लोग हर रोज जिला चिकित्सालय पहुंच रहे हैं। वहीं आंखों में जलन की समस्या वाले लोग भी चिकित्सालय पहुंच रहे हैं।
विदित हो कि पिछले एक पखवाड़े से जिले के 8 हेक्टेअर वन क्षेत्र में लगी आग से चहु ओर धुंध हैं। पहाड़ में तेज धूप के साथ ही जंगलों में लगी आग से वातावरण में छायी धुंध से इन दिनों 10 से 12 लोग हर रोज श्वांस रोग से पीड़ित पं. हरगोविंद पंत जिला चिकित्सालय पहुंच रहे हैं। सुबह-शाम अलग मौसम तथा दिन में तपती गर्मी के साथ ही पर्यावरण में धुंध से चिकित्सालयों में इन दिनों श्वांस,आंखों में जलन, खुजली, पीलिया, नाक से खून आना तथा ब्लड प्रेशर के रोगी बढ़ रहे हैं। वहीं त्वचा संबंधी रोगी भी बढ़ रहे हैं।
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अल्मोड़ा : नेत्र विशेषज्ञ डॉ. जेसी दुर्गापाल का कहना है कि गर्मी के साथ ही चारों ओर फैली आग की धुंध आंखों के लिए हानिकारक है। धुंध का असर आंखों पर पड़ता है। इससे आंखों में जलन, आंखें लाल होना जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इस मौसम में आंखों को बार-बार ठंडे पानी से धोना लाभकारी होता है।
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क्या बरतें सावधानियां
-पानी को खूब उबालकर ठंडा होने के बाद ही पीएं
-बासी भोजन तथा सड़े गले फलों का सेवन न करें
-घर से बाहर जाने पर खूब पानी पीकर निकलें
-श्वांस के रोगी हवादार कमरे में सोएं
-किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर समीपवर्ती चिकित्सालय में स्वास्थ्य परीक्षण कराएं
-फलों का सेवन खूब धोने के बाद ही करें
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वातावरण में धुंध व बढ़ती गर्मी से बीमारियां बढ़ रही हैं। मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए शासन व विभाग प्रयासरत है। मरीजों के लिए सभी आवश्यक दवाएं उपलब्ध हैं। चिकित्सकों की कमी के बावत शासन व महानिदेशालय को सूचना भेजी गई है। उपलब्ध संसाधनों से ही मरीजों को बेहतर इलाज देने का प्रयास किया जा रहा है।
- डॉ. आरसी पंत, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक, जिला चिकित्सालय
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वनाग्नि सुरक्षा के लिए वन महकमा लगातार सतर्क है। इसके लिए वन विभाग के विभिन्न रेंजों में क्रू स्टेशन बनाए गए हैं। साथ ही वनाग्नि सुरक्षा समितियों का भी गठन किया गया है। सभी कार्मिकों से ग्रीष्मकाल में अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।
-केएस रावत, प्रभागीय वनाधिकारी