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पुंगर नदी के अस्तित्व को बचाने के लिए खोला मोर्चा

पुंगर नदी के अस्तित्व को बचाने के लिए ग्रामीणों ने मोर्चा खोल लिया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 06:23 PM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 06:23 PM (IST)
पुंगर नदी के अस्तित्व को बचाने के लिए खोला मोर्चा
पुंगर नदी के अस्तित्व को बचाने के लिए खोला मोर्चा

जागरण संवाददाता, बागेश्वर: पुंगर नदी के अस्तित्व को बचाने के लिए ग्रामीणों ने मोर्चा खोल लिया है। ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि वर्षों से अवैध तरीके से हो रहे खड़िया खनन को नही रोका गया तो ग्रामीण आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। जिला मुख्यालय का रीमा क्षेत्र खड़िया खनन के लिए जाना जाता है। यहां खड़यिा की कई खानें है। खानों का मलबा यहां बहने वाली पुंगर नदी में जाने से ग्रामीण आक्रोशित हैं। मलबे से नदी का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। बरसात के मौसम में खड़िया खदानें बंद रहती है। लेकिन यहां से मलबा नाले में बहते रहता है। जिससे नदी धीरे-धीरे लुप्त होते जा रही है। नदियों में पाए जाने वाली संरक्षित प्रजाति की मछलियां अब नही दिखाई देते है। ग्रामीणों ने कहा कि पहले बालीघाट से सनगाड़ तक 40 किमी क्षेत्र में बहने वाली पुंगर नदी में बहुतायत में मछलियां होती थी। यहां लोग मछली से आजीविकास भी करते थे। अब नदी में मछलियां दिखती ही नही। जिससे लोगों का खाने व आजीविका का स्त्रोत भी खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि खड़िया का पानी नदी में जाने से यह पीने लायक नही रह गया है। भोराली, गडेरा, सलीगांव, बनलेख, चिफौला गांवों की जमीन में खड़यिा का मलबा जाने से वह बंजर हो गई हैं। यहां पहले ग्रामीण खेती करते थे। ग्रामीण दिनेश सुर्खाली, नवीन सिंह ऐरी, नैन सिंह, योगेंद्र सिंह, प्रवीण सिंह, दरबान सिंह महिपाल सिंह आदि ने बताया कि कई बार इस संबंध में उच्चाधिकारियों को बताया जा चुका है। अभी तक कोई सकारात्मक कार्रवाई नही हुई। जिससे लोगों में खासा रोष है। उनका कहना है कि पुंगर नदी क्षेत्र की लाइफ लाइन है। इसको किसी प्रकार का नुकसान होता है तो यहां के लोगों पर इसका सीधा असर पड़ेगा। इस संबंध जल्द ही जिलाधिकारी से मुलाकात कर समस्या के समाधान की मांग की जाएगी।

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---------- - मलबे का निस्तारण करना माइंस मालिक का काम है। अगर वह ऐसा नही कर रहा है तो उसक पर पेनाल्टी की कार्रवाई की जाएगी। जल्द ही निरीक्षण किया जाएगा। लेख राज, भू वैज्ञानिक व खान अधिकारी, बागेश्वर


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