जनजातीय हुनरमंदों की बेहतरी को खुलेगा वन धन केंद्र
अल्मोड़ा में शीतलाखेत में जनजातीय परिवारों के हनुरमंदों को बेहतर बाजार उपलब्ध कराने की कवायाद शुरू।
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : शीतलाखेत में जनजातीय परिवारों के हनुरमंदों को बेहतर बाजार व दाम मुहैया कराने को पहल तेज हो गई है। केंद्रीय स्तर पर जनजाति परिवारों की बेहतरी के लिए काम करने वाली ट्राइफेड संस्था के जरिये वित्तीय मदद की कोशिशों के बीच डीएम ने कहा कि जिले में वन धन केंद्र स्थापित करने के लिए प्रस्ताव भेजा जा रहा है।
डीएम नितिन सिंह भदौरिया ने रविवार को शीतलाखेत में एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना के तहत शीतलाखेत में जनजातीय परिवारों की इकाई का जायजा लिया। गोष्ठी में हस्तनिर्मित उत्पादों को बेहतर बाजार व मूल्य दिलाने के लिए ट्राइफेड के जरिये विपणन की व्यवस्था पर मंथन किया गया। प्रतिनिधि ट्राइफेड चमन सिंह ने जनजातीय परिवारों व उत्पादक समूहों से सीधा संवाद किया। उत्पादकों ने भी स्थानीय स्तर पर सेब, राजमा, कीवी व अन्य फसलों के साथ ही गैरकृषि उत्पाद दन, कालीन, पूजासन, योगा मैट आदि का प्रदर्शन किया।
ट्राइफेड प्रतिनिधि ने कहा कि जनजातीय परिवारों की आजीविका के लिए स्थानीय उत्पादों के विपणन को पूरे देश में ट्राइब्स ब्रांड के नाम से 127 आउटलेट संचालित किए जा रहे। इन परिवारों व समूहों के कौशल विकास को प्रसंस्करण, विपणन, पैकेजिंग व प्रशिक्षण आदि चलाए जा रहे हैं। ट्राइफेड 150-200 परिवारों के समूह को वित्तीय मदद भी दिला रहा है। डीएम नितिन ने बताया कि बीते माह सचिव जनजातीय मंत्रालय व एमडी ट्राइफेड के साथ वर्चुअल बैठक हुई थी। अभी जनजातीय परिवारों के तैयार उत्पादों का विपणन आउटलेट के साथ खुद की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन भी किया जा रहा है। इससे उत्पादकों को बेहतर मूल्य मिलेगा।
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डीएम नितिन ने उद्यान विभाग के नेशनल एप्पल मिशन के तहत तैयार सेब बागान का भी जायजा लिया। मुख्य उद्यान अधिकारी टीएन पांडे ने बताया कि महेंद्र नेगी ने एक एकड़ में एप्पल गार्डन विकसित किया है। मार्च 2019 में सेब की जैरोमाइन, गेलगाला, सुपरचीफ, हनी क्त्रीप्स आदि के एक हजार पौधों से बागान की शुरुआत की गई थी। डीएम ने बागवान की हौसलाअफजाई भी की।