आबादी तक पहुंची जंगल से उठी लपटें, एक मकान ध्वस्त
द्वाराहाट (अल्मोड़ा) तहसील के दूर वन क्षेत्रों में तीन दिन से धधक रही आग चार गांवों तक पहुंच गई है जिससे लोगों को काफी आर्थिक नुकसान पहुंचा है।
संस, द्वाराहाट (अल्मोड़ा) : तहसील के दूर वन क्षेत्रों में तीन दिन से धधक रही आग काडे, बिठोली, बाबन व गनोली गांव तक पहुंच गई है। तीन आवासीय मकान चपेट में आए। वहीं मवेशियों के लिए स्टाक किए गए घास के 500 से ज्यादा ढेर खाक हो गए। चारा प्रजाति के बहुपयोगी भीमल व बाज के पेड़ जल गए हैं।
मानवीय लापरवाही से बीते तीन दिनों से जल रहे वन क्षेत्रों की बेकाबू लपटें मंगलवार को चार गांवों के लिए मुसीबत बन गई। खेतों को खाक करती हुई आग आबादी तक पहुंच गई। चपेट में आया एक जलता पेड़ धराशायी होने से काडे गांव के किशन राम का घर क्षतिग्रस्त हो गया। देव राम व नंद राम की खिड़किया जल गई।
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सूखी घास ने किया पेट्रोल का काम
हालांकि ग्रामीण आग बुझाने उतरे लेकिन खेतों में सूखी घास ने पेट्रोल जैसा काम किया। अफरा तफरी के बीच तहसील प्रशासन को आपबीती बताई गई। कानूनगो पीएन गोस्वामी, सहायक दरबान सिंह अधिकारी व राजस्व उप निरीक्षक संतोष अधिकारी प्रभावित गांवों में पहुंचे। किसी तरह लपटों से जूझे। शाम तक बेकाबू आग धीरे धीरे शांत हुई। अलबत्ता, पूरा इलाका धूए के गुबार में समा गया।
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अब बढ़ा चारे का संकट
पशुपालन वाले प्रभावित गांवों के आसपास चारा घास व पेड़ खाक होने से मवेशियों के लिए चारे का संकट बढ़ गया है। गनोली निवासी दुग्ध उत्पादक महेश फुलारा के पास 11 गाय हैं। चारे के लिए जुटाए गए 40 ढेर (लुट्ठे) राख हो चले हैं। बिठोली के ग्राम प्रधान जगदीश सिंह ने बताया कि उनके गांव में 150 ढेर खत्म हो गए हैं। चारे के विकल्प पेड़ भी जल चुके हैं। अन्य दो गांवों में भी यही समस्या पैदा हो गई है। प्रधान जगदीश ने मुआवजे की मांग उठाई है। वहीं जन सरोकार मंच संयोजक मोहन काडपाल ने प्रशासन से पशुपालकों को आर्थिक मदद की मांग की है।
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जंगलों से पहुंची आग ने चारों गांवों में व्यापक क्षति पहुंचाई है। ग्रामीणों के सहयोग से जैसे तैसे काबू पाया जा सका। क्षति का जायजा ले रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज रहे हैं।
- पीएन गोस्वामी, कानूनगो
...... अराजक तत्वों ने अब चौबटिया का जंगल जलाया
रानीखेत : द्वाराहाट ही नहीं अराजक तत्वों ने चौबटिया के मिश्रित जंगल को भी जला दिया। स्थानीय लोगों के अनुसार सैर सपाटे के नाम पर शरारती लोगों की आवाजाही इस बीच बढ़ गई है। जंगल में जलती आग छोड़ दिए जाने से तेज हवा से भड़की आग मंगलवार को भी धधकती रही। हालांकि बीती देर रात वन क्षेत्राधिकारी हरीश टम्टा विभागीय कर्मचारियों के साथ आग बुझाने में जुटे रहे। अगले दिन फिर चिंगारी भड़क गई। इस पर वन कर्मी फिर मौके की ओर दौड़े। वन क्षेत्राधिकारी टम्टा ने लोगों से अपील की है कि वनों को क्षति न पहुंचाएं। साथ ही चेताया है कि आग लगाने वाले पकड़े गए तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।