सड़क के लिए फतेहपुर से भरी हुंकार
तामाढौन गोलना रोड आठ वर्षो से बस कागजों में ही बन रही है। इससे गुस्साये लोगों का धैर्य अब जवाब देने लगा है। सड़क के लिए संघर्ष तेज करने का एलान कर फतेहपुर में पंचायत बुलाई गई।
संस, स्याल्दे (अल्मोड़ा) : पहाड़ में विकास का हाल भी अजब गजब है। जहां सड़कें बनी हैं, बरसात नहीं झेल पा रहीं हैं। कहीं स्वीकृति के वर्षो बाद भी सड़क सुख नसीब नहीं हो रहा है। तामाढौन गोलना रोड ज्वलंत उदाहरण है, जो आठ वर्षो से बस कागजों में ही बन रही है। इससे गुस्साये लोगों का धैर्य अब जवाब देने लगा है। सड़क के लिए संघर्ष तेज करने का एलान कर फतेहपुर में पंचायत बुलाई गई। ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर सरकार व विभागीय अधिकारियों को चेताया कि बुनियादी सुविधा मुहैया न कराई गई तो सड़क पर उतरेंगे।
ब्लॉक क्षेत्र के करीब 15 गांवों को जोड़ने के लिए वर्ष 2013 में तामाढौन से सेलीपाटनी व गोलना तक 15 किमी सड़क स्वीकृत हुई। जनदबाव में दो साल बाद डीपीआर बनी। मगर अब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। नतीजतन 20 हजार की आबादी आठ वर्ष बाद भी सड़क सुविधा से वंचित है।
संघर्ष समिति ने चेताया, आमरण अनशन करेंगे
सड़क संघर्ष समिति ने फतेहपुर में पंचायत बुलाई। अध्यक्ष किशन सिंह मैठानी ने अब तक सड़क न बनने पर रोष जताया। कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की उपेक्षा बंद न हुई तो पीएमजीएसवाइ के खिलाफ धरना-प्रदर्शन शुरू किया जाएगा। इसके बावजूद नहीं सुनी गई तो क्रमिक फिर आमरण अनशन पर बैठेंगे। तय हुआ कि विधायक महेश जीना के साथ ही सीएम पुष्कर सिंह धामी के समक्ष सड़क का मुद्दा उठाया जाएगा। पंचायत में सेलीपातली, टिटरी, गुरना, कुमालेश्वर, ग्वालछीना आदि तमाम गांवों के लोग पहुंचे। पंचायत में ये रहे मौजूद
इस दौरान ग्राम प्रधान टिटरी गीता देवी, जगदीश उप्रेती गोलना, आनंद सिंह, प्रकाश कुमार, यशवंत पटवाल, ललित पंचोली, नरेंद्र सिंह मेहरा, महेश्वरी देवी, कुशल सिंह, बहादुर सिंह, दिनेश सिंह, आनंद सिंह मनराल, पूरन सिंह, पार्वती देवी, रेखा देवी, पुष्पा देवी, दुर्गा सिंह, पूरन नौटियाल, प्रताप सिंह घुघत्याल आदि मौजूद रहे।
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