संकट में स्टेट हाईवे का अस्तित्व
रानीखेत-खैरना स्टेट हाईवे के हालात सुधरते नहीं दिख रहे। बजट के अभाव में हाईवे जगह-जगह खस्ताहाल हुआ पड़ा हुआ है।
रानीखेत, जेएनएन : रानीखेत-खैरना स्टेट हाईवे के हालात सुधरते नहीं दिख रहे। बजट के अभाव में स्टेट हाईवे जगह-जगह खस्ताहाल होता जा रहा है। स्टेट हाईवे को नेशनल हाईवे का दर्जा मिलने के इंतजार में बजट भी नहीं मिल पा रहा है।
बरसात नजदीक आते ही स्टेट हाईवे पर भी खतरा मंडराने लगा है। बजट के अभाव में स्टेट हाईवे पर कई जगह सुरक्षात्मक कार्य नहीं हो सके हैं। जिस कारण यदि बरसात बढ़ी और भूस्खलन हुआ तो स्टेट हाईवे पर दिक्कतें बढ़ सकती हैं। हालाकि संबंधित विभाग जेसीबी मशीनों व अन्य मद से बरसात में कार्य कराने का दावा कर रहा है। पर हकीकत तो यह है कि स्टेट हाईवे पर जगह-जगह गहरी होती दरारें बड़े खतरे की ओर इशारा कर रही हैं। एनएच विभाग को सैद्धातिक स्वीकृति मिल चुकी है पर वित्तीय स्वीकृति ना मिल पाने से एनएच को भी बजट उपलब्ध नहीं हो रहा। जबकि लोनिवि को एनएच का दर्जा मिलने के इंतजार में बजट अवमुक्त नहीं हो रहा। दो विभागों के फेर में फंसे स्टेट हाईवे पर लगातार खतरा बढ़ते ही जा रहा है। व्यापार मंडल प्रदेश उपाध्यक्ष महिपाल सिंह बिष्ट, क्षेत्र पंचायत सदस्य भूपेंद्र सिंह देव, आनंद सिंह नेगी, गजेंद्र सिंह नेगी के अनुसार यदि समय रहते स्टेट हाईवे की सुध नहीं ली गई तो भविष्य में और ज्यादा बजट खर्च होगा। लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि हीलाहवाली की गई तो आदोलन शुरू किया जाएगा।
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रिची बिल्लेख मार्ग भी खतरे की जद में
रिची बिल्लेख मोटर मार्ग पर भी खतरा बढ़ता ही जा रहा है। जगह-जगह भूधंसाव होने से कभी भी यातायात ठप हो सकता है। मार्ग से ताड़ीखेत ब्लॉक के तमाम गावों को ग्रामीण आवाजाही करते हैं। वहीं तमाम सब्जी उत्पादक बेल्ट के काश्तकार भी उपज को इसी मार्ग से बड़ी मंडियों तक भेजते हैं। भुजान के समीप ही मोटर मार्ग पर लगाए गए क्रश बैरियर भूधंसाव होने से हवा में लटक गए हैं। जिससे हादसों का खतरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है।
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एनएच को रानीखेत-खैरना स्टेट हाईवे के राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा मिलने की सैद्धातिक स्वीकृति मिल चुकी है पर वित्तीय स्वीकृति नहीं मिली है। हमें भी बजट नहीं मिल पा रहा। फिलहाल बरसात में यदि भूस्खलन या अन्य समस्या आई तो जेसीबी मशीनें तैनात कर दी गई हैं।
- कुंदन सिंह बिष्ट, सहायक अभियंता, लोनिवि