Move to Jagran APP

तड़ागताल को स्थायी झील बनाने की कवायद तेज

अल्मोड़ा के चौखुटिया विकास खंड अंतर्गत तड़ागताल में स्थित बरसाती झील को पर्यटन की दृष्टिकोण से स्थायी झील बनाने के लिए टीम ने किया निरीक्षण

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 10:31 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 10:31 PM (IST)
तड़ागताल को स्थायी झील बनाने की कवायद तेज
तड़ागताल को स्थायी झील बनाने की कवायद तेज

संस, चौखुटिया: विकास खंड अंतर्गत तड़ागताल में स्थित बरसाती झील को पर्यटन की दृष्टिकोण से स्थयी झील के रूप में विकसित करने की कवायद तेज हो गई है। इस क्रम में झील के भावी स्वरूप को लेकर पीकेएस इंफ्रा इंजीनियर कंपनी की टीम ने सिंचाई विभाग के शीर्ष अधिकारियों के साथ मंगलवार को झील क्षेत्र का संयुक्त निरीक्षण किया। इस दौरान डूब क्षेत्र के साथ ही निकासी वाले भाग का सघन मौका मुआयना किया गया तथा झील के विभिन्न पहलुओं व फाइनल डीपीआर तैयार करने के संबंध में भी चर्चा हुई।

loksabha election banner

विदित हो कि विकास खंड के तड़ागताल बरसाती झील को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने को शासन से एक वर्ष पूर्व मंजूरी मिल चुकी है। इसके लिए 1 करोड़ 35 लाख की राशि सर्वे कार्य के लिए स्वीकृत की गई है। सर्वे का जिम्मा गाजियाबाद की पीकेएस इंन्फा इंजीनियरिग कंपनी को दिया गया है। पूर्व में कंपनी की टीम दो बार झील का सर्वे कर चुकी है। इधर इंफ्रा के सीनियर डिजाइनर एससी मित्तल, जियोलॉजिस्ट निखिल पुनियां, सीनियर मैनेजर एन जिंदल ने सिंचाई महकमे के अधीक्षण अभियंता एमके खर्रे, ईई सीपी भट्ट व सहायक अभियंता आसी पांडे केसाथ झील क्षेत्र का सघन जायजा लिया एवं झील के भावी स्वरूप को लेकर सभी पहलुओं पर गहन चर्चा की।

इस दौरान फाइनल सर्वे को लेकर भी बातचीत हुई। इंफ्रा कंपनी के सीनियर मैनेजर एन मित्तल ने बताया किसर्वे कार्य को समय पर पूर्ण कर लिया जाएगा। इसके लिए दीवाली के आसपास झील क्षेत्र में ड्रिलिंग कार्य शुरू हो जाएगा। जो करीब एक महीने तक चलेगा एवं झील का डिजाइन फाइनल होगा। इसके बाद मार्च 2021 तक डीपीआर तैयार कर ली जाएगी।

--------------------------------

स्थायी झील का प्रस्तावित स्वरूप

सिंचाई विभाग द्वारा तैयार किए गए प्रारूप के अनुसार झील की लंबाई 16 सौ मीटर, ऊंचाई 12 मीटर व चौड़ाई करीब 360 मीटर होगी। इसमें पानी की क्षमता लगभग 4 हजार 500 मिलियन लीटर। जो पर्यटन की दृष्टि से एक बहुआयामी स्थायी झील बनेगी।

---------------------------

पौराणिक महत्व को समेटे हुए है झील

बरसाती झील तड़ागताल पौराणिक झील है, इसको लेकर कई प्राचीन मान्यताएं प्रचलित हैं। बताते हैं कि अज्ञातवास के दौरान जब पांडव यहां आए तो कहीं पानी न मिलने पर भीम ने पहाड़ी पर अपनी गदा मारकर इस सरोवर का निर्माण किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.