तीखे मोड़ पर पलक झपकते ही सब कुछ खत्म
द्वाराहाट में गुनखाल के तीखे मोड़ ने दो महिलाओं से उनका सुहाग तो बच्चों के सिर से पिता का साया छीन लिया।
जागरण टीम, रानीखेत/द्वाराहाट : गुनखाल के तीखे मोड़ ने दो महिलाओं से उनका सुहाग तो बच्चों के सिर से पिता का साया छीन लिया। लक्ष्मी बिष्ट की आंखों के सामने पति से साथ दूट गया। हादसे का पता लगते ही द्वाराहाट के धनखल गांव और ताड़ीखेत के कारचूली गांव में मातमी सन्नाटा पसरा है।
कारचूली गांव (ताड़ीखेत ब्लाक) के शेर सिंह बिष्ट कई वर्ष पूर्व सेक्टर-19 नोएडा में बस गए थे। उनका परिवार भी वहीं रहती है। वह अपनी पत्नी लक्ष्मी देवी के साथ लंबे समय बाद गांव आ रहे थे। मगर मछोड़ व चौड़ीघट्टी के बीच गुनखाल के तीखे मोड़ पर पलक झपकते ही सब कुछ खत्म हो गया। शेर सिंह दम तोड़ गए जबकि पत्नी लक्ष्मी देवी रानीखेत नागरिक चिकित्सालय में जिंदगी की जंग लड़ रही है। ग्राम प्रधान देवकी बिष्ट, सामाजिक कार्यकर्ता शिवराज सिंह बिष्ट ने बताया कि दिल्ली से बच्चे रात तक पहुंचेंगे। उपनेता प्रतिपक्ष करन माहरा, ब्लाक प्रमुख हीरा सिंह रावत, भाजपा नेत्री विमला रावत, वरिष्ठ नेता धन सिंह रावत आदि ने गहरी संवेदना जताई।
==========
दिल्ली में नौकरी करते थे तारादत्त
द्वाराहाट: धनखल गांव के तारा भट्ट भी दिल्ली में ही बस गए हैं। वह पारिवारिक सदस्यों के साथ अपने भाई के वार्षिक श्राद्ध में हिस्सा लेने आ रहे थे। हादसे में तारा दत्त की मौत हो गई जबकि उनका भतीजा प्रमोद भट्ट, पत्नी व बेटा घायल हो गया। तारा दत्त दिल्ली स्थित अशोका होटल में कैटरिंग का कार्य करते थे। वह अपने गांव आते रहते थे। तीन माह पूर्व ही वह अपनी ससुराल नागार्जुन आए थे। ग्रामप्रधान योगेश भट्ट व अन्य ग्रामीण सुबह ही मछोड़ रवाना हो गए थे।
==========
पांच साल पहले आठ लोगों की गई थी जान मानिला (अल्मोड़ा): रामनगर बदरीनाथ हाईवे पर डेंजर जोन मछोड़ क्षेत्र में यह पहला हादसा नहीं है। पांच वर्ष इसी इलाके में यात्री बस खाई में जा गिरी थी। तब हादसे में आठ लोग मारे गए थे। राष्ट्रीय राजमार्ग होने के कारण वाहनों का दबाव काफी है। मगर बेहद संकरे हाईवे पर सुरक्षात्मक उपायों का अभाव ही हादसों की वजह बनता रहा है।
भाबर तराई को बदरीनाथ से जोड़ने वाले रामनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर मोहान से भतरौजखान तक तमाम दुर्घटना जोन हैं। बदरीनाथ, मेहलचौरी, चौखुटिया, भिकियासैंण व रामनगर से आने जाने वाले वाहन इसी सड़क से गुजरते हैं। ऐसे में यातायात का दबाव भी ज्यादा रहता है। उस हिसाब से हाईवे मानकों के अनुरूप चौड़ा नहीं है। हालांकि कुछेक स्थानों पर हालात ठीक हैं लेकिन अतिसंवेदनशील पहाडि़यां होने के कारण चौड़ीकरण से जोखिम बढ़ने की आशंका रहती है। बरसात में कुमेरिया, मछोड़, चौड़ीघट्टी, गुनखाल आदि क्षेत्रों में भूस्खलन भी होता रहता है। मगर एनएच प्रशासन विषम भौगोलिक हालात के आगे बेबस नजर आता है। हादसों का जिक्र करें तो 25 मई 2016 को चौखुटिया से रामनगर जा रही केमू की बस यूके 04 टीए 0193 भी चौड़ीघट्टी में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। हादसे में आठ यात्रियों की मौत व 17 गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इसके अलावा छोटे हादसे आम हैं।