इलेक्ट्रॉनिक कचरा पर्यावरण के लिए हानिकारक
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन रविवार को कसार देवी में किया
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन रविवार को कसार देवी में किया गया। कार्यक्रम के दौरान लोगों को ई-कचरा से होने वाले नुकसान और इसके निस्तारण की जानकारी देते हुए जागरूक किया गया।
इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तत्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने बताया कि ई-कचरा जहां पर्यावरण के लिए हानिकारक है। वहीं यह अनेक बीमारियों को जन्म देता है। इससे जहां पौधों को नुकसान पहुंचाता है। वहीं जल प्रदूषण के संपर्क में आने से हार्मोन असंतुलन का खतरा बढ़ जाता है। इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट के प्रति सभी को जागरूक रहने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी लोगो से इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट के प्रबंधन एवं उसके निस्तारण के लिए सजग रहने को प्रेरित किया। कार्यक्रम में इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्यागिकी मंत्रालय के निदेशक डॉ. संजीव चटर्जी ने कहा कि वर्तमान में भारत में एक वर्ष में दो मिलियन टन इलेक्ट्रॉनिक कचरे का उत्पादन हो रहा है। दुनिया में ई-कचरे के उत्पादन में भारत का चौथा स्थान है। उन्होंने कहा कि इसके दुष्परिणामों के कारण मंत्रालय द्वारा आम जनता को जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है। कार्यक्रम के दौरान गुरु एकेडमी के बच्चों ने इससे संबंधित अपने मॉडल भी प्रस्तुत किए। इस अवसर पर आपदा प्रबंधन अधिकारी राकेश जोशी, राहुल गोखले, जूही मेहरा, प्रिया सहित गुरू एकेडमी के छात्र-छात्राएं आदि मौजूद रहे।