प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मानधन योजना से व्यापारियों का मोह भंग होने पर उठाए विशेष कदम, लघु व्यापारियों को जोड़ने के लिए कई विभागों को सौंपा जिम्मा
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मानधन योजना के लिए अब अन्य विभागों ने भी कमर कस ली है। उत्तराखंड के अंदर श्रम विभाग के अतिरिक्त अन्य विभागों को भी योजना के प्रचार प्रसार की जिम्मेदारी सौंपी है।
मनीष साह, रानीखेत: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मानधन योजना के लिए आशा अनुरूप पंजीकरण न होने से सरकार चिंतित है। अधिक से अधिक व्यापारियों को योजना से जोड़ लाभ मिल सके इसके लिए सरकार ने श्रम विभाग के साथ ही कई अन्य विभागों को भी योजना से जोड़ व्यापक प्रचार प्रसार का जिम्मा दे दिया है। श्रम विभाग के साथ ही अब वाणिज्य विभाग, नगरपालिका व व्यापारिक संगठनों को भी जिम्मेदारी दी गई है। विभागीय अधिकारियों के अब सभी विभागों के सार्थक प्रयासों से योजना में व्यापारियों का तेजी से पंजीकरण किया जा सकेगा।
बीते 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लघु व्यापारियों को राहत देने के लिए प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मानधन योजना का श्रीगणेश किया। पूरे देश में योजना एक साथ शुरू हुई। प्रदेश के सभी जनपदों में स्थित सीएचसी सेंटरों को केंद्रीय सर्वर से जोड़ प्रचार प्रसार के साथ लघु व्यापारियों का पंजीकरण शुरू किया गया। योजना की निगरानी का जिम्मा श्रम विभाग को सौंपा गया, जो लघु व्यापारियों को नहीं रिझा सकी है। अल्मोड़ा में महज तीन, बागेश्वर दो, पिथौरागढ़ व चम्पावत में महज एक एक व्यापारी का ही पंजीकरण चिंता का सबब बन गया है। अब सरकार ने श्रम विभाग के साथ ही नगरपालिका वाणिज्य व व्यापारिक संगठनों को जोड़ व्यापारियों को योजना का लाभ दिलाने की जिम्मेदारी सौंप दी है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार विभाग अपने अपने स्तर से योजना को बेहतर ढंग से व्यापारियों तक ले जाएगा। जिससे उनका पंजीकरण करना आसान होगा। =================== ये है योजना
प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मानधन योजना के तहत 18 से 40 आयु वर्ग के व्यापारियों को जन सुविधा केंद्र में आधार कार्ड व बैंक खाते के साथ पंजीकरण कराना होगा। जिन लघु व्यापारियों की सालाना आय डेढ़ करोड़ रुपया से कम है वही इस योजना से लाभान्वित हो सकेंगे। पेंशन कोष का प्रबंध जीवन बीमा निगम (एलआइसी) करेगा। योजना के तहत 18 वर्ष के लघु व्यापारी को प्रत्येक माह 55 रुपया तथा 29 वर्ष के व्यापारी को 100 तथा 40 वर्ष के व्यापारी को 200 रुपये प्रतिमाह प्रीमियम जमा करना होगा। 60 साल पूरे होने के बाद व्यापारी को तीन हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन मिलेंगी। यदि कोई व्यापारी योजना को आगे नहीं बढ़ाना चाहता तो दस साल बाद उसे मय ब्याज पैसा वापस मिल जाऐगा। वहीं मृत्यु होने पर उसके परिवार को इसका लाभ मिलेगा। ====================
'सरकार ने अब श्रम विभाग के साथ ही नगरपालिका, वाणिज्यकर व व्यापारिक संगठनों को भी जिम्मेदारी दी है। सभी मिलजुल कर व्यापारियों को योजना का लाभ दिलाएंगे। व्यापारी अधिक से अधिक पंजीकरण करा योजना का लाभ उठाएं इसके लिए और प्रयास किए जा रहे है।
- आशा पुरोहित, श्रम प्रवर्तन अधिकारी'