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कोरोना ने रोका बीमार पहाड़ी का उपचार

अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे स्थित अति संवेदनशील पाडली की पहाड़ी में जापानी तकनीक होने वाले सुरक्षात्मक कार्य को कोरोना की वजह से रोकना पड़ा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 11:25 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 06:18 AM (IST)
कोरोना ने रोका बीमार पहाड़ी का उपचार
कोरोना ने रोका बीमार पहाड़ी का उपचार

रानीखेत, जेएनएन : अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे स्थित अति संवेदनशील पाडली की पहाड़ी में जापानी तकनीक से होने वाले सुरक्षात्मक कायरें की अनुमति मिल जाने के बाद अब कोरोना संकट ने बीमार पहाड़ी के इलाज को किया जाने वाले कार्य पर ब्रेक लगा दिया है। जापानी विशेषज्ञों के भारत ना पहुंच पाने से फिलहाल प्रगति थम सी गई है। हालाकि विभागीय अधिकारियों ने दावा किया है कि 14 जुलाई को होने वाली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में तस्वीर साफ हो जाएगी। और जल्द ही सुरक्षात्मक कार्य शुरू हो सकेंगे।

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पाडली की बीमार पहाड़ी के इलाज को जापानी व भारतीय इंजीनियर, एनएच व जायका के अधिकारियों की कई दौर की बैठकों के बाद मामला अंतिम चरण में पहुंच गया था। मार्च के अंतिम सप्ताह में बकायदा कार्य भी शुरू होना था कि ऐन वक्त पर कोरोना संकट ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। सारी प्रगति थम गई। बीते तीन जुलाई को एक बार फिर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जापानी विशेषज्ञ से संपर्क साधा गया। अब 14 जुलाई को एक बार फिर जापानी विशेषज्ञों के साथ भारतीय विशेषज्ञ व एनएच के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये आगे का रोडमैप तैयार करेंगे। हालाकि जापानी विशेषज्ञों ने खुद की निगरानी में ही कार्य करवाए जाने की बात कही है। इधर, टास्क टीम इंचार्ज उमेश जोशी ने भी दावा किया है कि जल्द ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा। पहाड़ी पर सुरक्षात्मक कायरें के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरी उतर चुकी एक कंपनी से करार भी हो चुका है। अब पहाड़ी के उपचार की शुरुआत होनी शेष है। करीब 17 करोड़ रुपये की लागत से बीमार पाडली की पहाड़ी को नया रूप दिया जाएगा।

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हाईटेक तकनीक का मॉडल बनेगी पहाड़ी

पाडली की पहाड़ी से खतरा टालने को तीन चरणों में कार्य होगा। पहले चरण में पहाड़ी पर सीमेंट की जाल नुमा चट्टान तैयार की जाएगी। दूसरे चरण में मजबूत चट्टान तक करीब 40 से 50 मीटर गहराई तक लोहे के एंगल फिट होंगे।अंतिम चरण में सुरक्षा दीवार व तेजी से फैलने वाली घास व पौधों का रोपण किया जाएगा। ताकि पहाड़ी को दोबारा प्राकृतिक रूप दिया जा सके।

::::::वर्जन====

लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जापानी विशेषज्ञ से संपर्क साधा जा रहा है। 14 जुलाई को होने वाली बैठक में रोडमैप तैयार कर लिया जाएगा। उम्मीद है जल्द पहाड़ी पर सुरक्षात्मक कार्य शुरू होगा।

- उमेश जोशी, डीएफओ रानीखेत व टास्क टीम इंचार्ज, पाडली


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