'कोटगाड़ी की देवी मैय्या दैण है जाए..'
संवाद सहयोगी, रानीखेत : रानीखेत खैरना स्टेट हाइवे पर पातली गाव की रामलीला मंचन के अंतिम दि
संवाद सहयोगी, रानीखेत : रानीखेत खैरना स्टेट हाइवे पर पातली गाव की रामलीला मंचन के अंतिम दिन स्थानीय कलाकारों के नाम रही। अल्मोड़ा से पहुंचे लोक कला मंच के कलाकारों ने गीत व नृत्य से उत्तराखंडी संस्कृति को जीवंत किया। कमेटी की ओर से कलाकारों को सम्मानित भी किया गया।
स्टेट हाईवे से सटे पातली गांव में आदर्श रामलीला कमेटी बेलसारी के तत्वावधान में दस दिनों तक चले मंचन के बाद शनिवार की शाम सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रमों की शुरुआत कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष गोपाल सिंह देव ने किया। उन्होंने ऐसे छोटे छोटे आयोजनों को सांस्कृतिक विरासत संजोए रखने के लिए आवश्यक बताया। सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत लोकगायक दीपक जोशी ने मां की स्तुति 'कोटगाड़ी की देवी मैय्या दैण है जाए..' से की। बाद में लोक गायिका संगीता टम्टा ने 'ओ साहिबा जीओ मेरो लागिगो त्यर कुमाऊनी गण मा..' आदि लोक गीतों से उत्तराखंडी संस्कृति को जीवंत किया। इस दौरान लोकगायक स्व. पप्पू कार्की को श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम में गोविंद सिंह करायत, कुंवर सिंह करायत, प्रताप सिंह, श्याम सिंह मेहरा, अभिषेक बिष्ट, कुंवर सिंह असवाल, बालम सिंह नेगी, आनंद सिंह नेगी, राम सिंह नेगी, उत्तम सिंह, गोपाल सिंह, जीवन सिंह आदि मौजूद रहे