बर्न यूनिट तो दूर यहा वार्ड ही नसीब नहीं
संवाद सहयोगी, रानीखेत : उपमंडल के सबसे बड़े गोविंद सिंह माहरा नागरिक चिकित्सालय में 'बर्न वार्ड'
संवाद सहयोगी, रानीखेत : उपमंडल के सबसे बड़े गोविंद सिंह माहरा नागरिक चिकित्सालय में 'बर्न वार्ड' ही नहीं है। झुलसे लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर स्थिति में करीब सौ किमी दूर डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय हल्द्वानी की दौड़ यहा की बड़ी मजबूरी है। इस अवधि में रोगी की जिंदगी रामभरोसे ही रहती है।
दीपावली महापर्व नजदीक है। ऐसे में यदि कोई अनहोनी या किसी पटाखे से कोई जल जाता है तो उसके लिए गोविंद सिंह माहरा नागरिक चिकित्सालय में उपचार की समुचित व्यवस्था नहीं है। मरीज का प्राथमिक उपचार करने के बाद उसे सुशीला तिवारी अस्पताल रेफर किया जाता है। अस्पताल की व्यवस्था रामभरोसे है। ऐसा नहीं है कि बर्न वार्ड की माग कभी उठी ही नहीं। मामला विधानसभा तक पहुंचने के बाद हर बार ठंडे बस्ते में चला जाता है।
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प्लास्टिक सर्जन होना जरूरी
बर्न वार्ड के लिए प्लास्टिक सर्जन व बर्न यूनिट का होना आवश्यक है। गोविंद सिंह माहरा नागरिक चिकित्सालय में दोनों ही व्यवस्था नहीं हैं। यहा साल भर में करीब 10 से 12 लोग झुलसे हुए आते हैं। मगर प्राथमिक चिकित्सा के बाद उन्हें रेफर ही कर दिया जाता है।
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'करीब बीस फीसद से जले मरीज का प्राथमिक उपचार किया जा सकता है। उसके लिए समुचित दवाइया भी उपलब्ध हैं। बीस फिसद से ऊपर झुलसे मरीजों को डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल रेफर किया जाता है।
- डॉ. डीएस नेई, चिकित्सा प्रभारी गोविंद सिंह माहरा नागरिक चिकित्सालय'
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'कोर्ट के आदेशों का निश्चित रूप से पालन करवाया जाएगा। पुलिस को दिशा निर्देश दिए जाएंगे। साथ ही पटाखा बाजार में भी दुकानदारों को ग्राहकों से रात को आठ से दस बजे तक पटाखे जलाने के लिए जागरूक किया जाएगा।
- हिमाशु खुराना,संयुक्त मजिस्ट्रेट रानीखेत'