असम राइफल्स के पूर्व जवानों ने की आवाज बुलंद
संवाद सहयोगी चौखुटिया सेना के पूर्व सैनिकों की तर्ज पर सुविधाएं दिए जाने समेत अन्य मांगों
संवाद सहयोगी, चौखुटिया: सेना के पूर्व सैनिकों की तर्ज पर सुविधाएं दिए जाने समेत अन्य मांगों को लेकर अब असम राइफल्स के पूर्व जवान भी लामबंद हो चले हैं। असम अखिल भारतीय असम राइफल्स पूर्व सैनिक कल्याण समिति के तत्वावधान में रविवार को यहां हुई बैठक में वक्ताओं ने असम राइफल्स के पूर्व सैनिकों को दोहरे कमांड सिस्टम से निजात दिलाकर उन्हें रक्षा मंत्रालय द्वारा प्रदत्त सभी सुविधाएं देने की मांग उठाई। आरोप लगाया कि उनके मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है। मांगों के समर्थन में उन्होंने नारेबाजी भी की।
असम राइफल्स के पूर्व सैनिकों की सैनिक विश्राम में हुई बैठक में कहा गया कि सेवा के दौरान उनसे सेना की तरह रक्षा मंत्रालय द्वारा काम लिया जाता है, लेकिन रिटायर्ड होने के बाद सुविधाएं पुलिस की तरह दी जाती हैं। जो उनके साथ घोर अन्याय है। वन रैंक-वन पेंशन के साथ साथ 2004 के बाद भर्ती जवानों को पेंशन सुविधा देने की आवाज भी उठी। संगठन के अखिल भारतीय सेक्रेटरी नारायण सिंह बिष्ट ने संगठन की तमाम गतिविधियों पर प्रकाश डाला एवं कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब उन्हें मेडिकल की सुविधा दे दी गई है। अन्य मांगों के लिए सतत संघर्ष जारी है। उन्होंने असम राइफल्स के सभी से पूर्व सैनिककल्याण समिति से जुड़ने का भी आह्वान किया। इस दौरान असम राइफल के पूर्व सैनिकों को सदस्यता दिलाई गई एवं निर्णय लिया गया कि शीघ्र ब्लॉक कमेटी का गठन कर लिया जाएगा। बैठक में ईसीएचएस-मेडिकल सुविधा के फार्म भी भरवाए गए। बाद में उन्होंने सैनिक विश्राम गृह के बाहर मांगों को लेकर नारेबाजी भी की।
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इन्होंने ने की बैठक व नारेबाजी में भागीदारी
सचिव नारायण सिंह बिष्ट, सतीश चंद्र, बिशन सिंह, हरी सिंह, भूपाल जोशी, मोहन राम, एसएच कैड़ा, खीम सिंह, मोहन सिंह, शोबन सिंह, अशोक नेगी, लच्छी राम, बलवंत सिंह, भवान सिंह, हरपाल सिंह, प्रताप सिंह रावत, ललित सिंह, गोपाल दत्त, नर सिंह, बसंत लाल व उमराव सिंह आदि।