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फर्जी एएनएम सेंटर चलाने वाला आरोपित गिरफ्तार

संवाद सहयोगी अल्मोड़ा नगर में फर्जी तरीके से आइएमपीटी इंस्टीटयूट ऑफ पैरा मेडिकल टे

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Mar 2019 11:24 PM (IST)Updated: Thu, 07 Mar 2019 11:24 PM (IST)
फर्जी एएनएम सेंटर चलाने वाला आरोपित गिरफ्तार
फर्जी एएनएम सेंटर चलाने वाला आरोपित गिरफ्तार

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : नगर में फर्जी तरीके से आइएमपीटी इंस्टीटयूट ऑफ पैरा मेडिकल टेक्नोलॉजी नाम से फर्जी संस्था चलाने वाले एक व्यक्ति को पुलिस ने हल्द्वानी से गिरफ्तार किया है। संस्था का संचालक फर्जी मोहर का प्रयोग कर युवतियों से लाखों रुपये ऐंठ लेता था और उन्हें फर्जी डिग्री प्रदान करता था।

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हल्द्वानी के मुखानी कुसुमखेड़ा निवासी भूपेंद्र आर्या पुत्र मोहन लाल ने वर्ष 2013-14 में नगर के धारानौला स्थित पंवार मार्केट में आइएमपीटी इंस्टीटयूट ऑफ पैरा मेडिकल टेक्नोलॉजी नाम से एक संस्था शुरू की। जिसमें नगर और आसपास की युवतियों को एएनएम और जीएनएम का कोर्स कराने का झांसा देकर आरोपित ने दो वर्ष की फीस के रूप में एक लाख तीस हजार रुपये और प्रवेश के चालीस हजार रुपये ले लिए। लेकिन आरोपित भूपेंद्र द्वारा किसी भी अभ्यर्थी को न तो फीस की रसीद दी और ना ही कोर्स पूरा होने के बाद पंजीकृत अंकपत्र और प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया। संस्था के प्रति शक पैदा होने पर संस्था में अध्ययनरत माया आर्या, लक्ष्मी टम्टा, प्रीति आर्या, सविता बिष्ट, बीना बेलवाल ने पुलिस से इस मामले में शिकायत की। इस मामले की विवेचना के लिए पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड द्वारा एसआईटी गठित की और धोखाधड़ी के मामले में आरोपित के खिलाफ अल्मोड़ा कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया। इस मामले की विवचेना थानाध्यक्ष सोमेश्वर को सौंपी गई। इस मामले में कार्रवाई करते हुए डीआर वर्मा के नेतृत्व में पुलिस टीम ने आरोपित को चरक आयुर्वैदिक नर्सिग एंड फार्मेसी कालेज हल्द्वानी के पास से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपित को न्यायालय में पेश करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया है।

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फर्जी लैटर पैड बनाकर करता था धोखाधड़ी

फर्जी एएनएम सेंटर चलाने वाला आरोपित भूपेंद्र फर्जी लैटर पैड़ और मोहर बनाकर युवतियों के साथ धोखाधड़ी करता था। जांच के दौरान पता चला है कि आरोपित द्वारा एमएमसी इंस्टीटयूट ऑफ पैरा मेडिकल साइंस जम्मू के नाम से फर्जी मोहर बनाई थी। जिसमें प्रधानाचार्य का नाम भी फर्जी तरीके से लिखा गया था। दर्जनों युवतियों से लाखों रुपये हड़पने के बाद से आरोपित यहां से फरार चल रहा था।


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