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प्रदेश का हाईटेक पुलिस जिला मुख्यालय बना अल्मोड़ा

जी गवर्नेस में कदम रखने वाला अल्मोड़ा प्रदेश का पहला हाईटेक जिला मुख्यालय बन गया है। लंबे समय बाद जिले की पुलिस अत्याधुनिक जीआइएस तकनीक से लेस हो गयी है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 11:13 PM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 11:13 PM (IST)
प्रदेश का हाईटेक पुलिस जिला मुख्यालय बना अल्मोड़ा
प्रदेश का हाईटेक पुलिस जिला मुख्यालय बना अल्मोड़ा

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : 'जी गवर्नेस' में कदम रखने वाला अल्मोड़ा प्रदेश का पहला हाईटेक जिला मुख्यालय बन गया है। लंबे प्रयोग बाद पुलिस विभाग अत्याधुनिक भौगोलिक सूचना विज्ञान (जीआइएस) तकनीक से लैस हो गया है। अपना जीआइएस सेल अस्तित्व में आने के बाद अब जनपद की सभी कोतवाली, थाने, चौकी, रिपोर्टिग चौकियां, बैरियर, थाना क्षेत्र के गांव कस्बे व मोहल्ले एक क्लिक के दायरे में होंगे। वहीं बेहतर कानून व्यवस्था, किसी भी घटना या अपराध पर त्वरित कदम उठाने तथा शिकायतों के निस्तारण में बड़ी मदद मिलेगी।

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पुलिस जिला मुख्यालय में एसएसजे परिसर के एनआरडीएमएस केंद्र निदेशक व नेशल जीयोस्पेशल चेयरप्रोफेसर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (भारत सरकार) की पहल पर वर्ष 2010 में जीआइएस सेल के लिए कवायद शुरू हुई थी। जिसने अब मूर्तरूप ले लिया है। साथ ही तीन माह का एक्शन प्लान तैयार कर लिया गया है। वर्ष 2016 में नैनीताल जबकि इसी वर्ष हरिद्वार जिला पुलिस मुख्यालय को जीआइएस से जोड़ा जा चुका है। अल्मोड़ा में बाकायदा दो जीआइएस विशेषज्ञ व तकनीशियन नियुक्त कर दिए गए हैं। प्रो. रावत व एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने संयुक्त रूप से पुलिस जीआइएस का विमोचन कर सेल में नियुक्त हेमा ऐठानी को सॉफ्टवेयर में जल्द डाटा विकसित करने के निर्देश दिए। ==================

पढ़ाया नैतिकता का पाठ

एसएसपी कार्यालय सभागार में 'लोक सेवकों में नैतिकता' विषयक गोष्ठी में सुशासन या लोक कल्याणकारी शासन की स्थापना को सत्यनिष्ठा, ईमानदारी, निष्पक्षता, सहिष्णुता, नैतिकता का पाठ पढ़ाया गया। सर्तकता सब सेक्टर से एसआइ बलबीर सिंह व सहयोगी नवीन कुंवर ने पॉवर प्वाइंट के जरिये भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम-1988 में संशोधन की जानकारी दी। ==================

डीजी लॉकर पर अपलोड होंगे ब्योरे जीआइएस के साथ डीजी लॉकर कार्यशाला में स्वान सेंटर एनआइसी के पंकज सलाल व चंचल भोज ने तकनीकी जानकारी दी। खूबियां गिनाई कि इसके जरिये कहीं से कभी भी अपने कागजात जमा करा सकते हैं। डिजिटल लॉकर स्कीम में शैक्षणिक व स्वास्थ्य रिपोर्ट या प्रमाणपत्र, पासपोर्ट, लाइसेंस, पेन कार्ड आदि का ब्योरा डिजिटल रूप में सुरक्षित रख सकते हैं। लॉकर में एक बार डॉक्यूमेंट अपलोड करने के लिए आधार जरूरी है। ===================

ये रहे मौजूद

सीओ अल्मोड़ा वीर सिंह व तपेश कुमार रानीखेत, अशोक परिहार (प्रतिसार निरीक्षक), कोतवाल अरुण वर्मा, भूपेंद्र सिंह बृजवाल रानीखेत, एसओ चौखुटिया राजेंद्र सिंह बिष्ट, धीरेंद्र पंत सल्ट, जगदीश ढकरियाल लमगड़ा, हरीश प्रसाद द्वाराहाट, महिला थाना प्रभारी श्वेता नेगी, महेश कश्यप, पूरन सिंह रावत, डॉ. नरेश पंत व आनंद कुमार जीआइएस केंद्र एसएसजे परिसर, दरबान सिंह, हेमा ऐठानी आदि। ==================

क्या है 'जीआइएस'

'इंफॉर्मेशन इज पॉवर' की थीम पर यह सूचना विज्ञान चार तकनीक यानी रिमोट सेंसिंग, जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम), जीआइ-सिस्टम व कंप्यूटर कार्टोग्राफी पर आधारित है। उपग्रह की मदद से क्षेत्र के संग्रहित मानचित्र व आंकड़ों के एडवांस सॉफ्टवेयर से कंप्यूटर में डेटाबेस तैयार करते हैं। यह कंप्यूटर कार्टोग्राफी प्रणाली आपदा से निपटने, अपराध नियंत्रण के साथ ही बेहतर प्रशासन, प्रबंधन व नियोजन, मानव संसाधन जुटाने में सहायक है। ============

'यह बड़ी उपलब्धि है। हमने पूरे राज्य में मिशन मोड पर काम शुरू कर दिया है। अल्मोड़ा पुलिस अब जीआइएस तकनीक पर कानून व्यवस्था, अपराध नियंत्रण, आपदा से निपटने में को काम कर सकेगी। हिमालयी राज्य के लिए जीआइएस भविष्य में मील का पत्थर साबित होगा।

-प्रो.जीएस रावत, नेशनल जीयो स्पेशल चेयरप्रोफेसर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी' ================= 'जीआइएस तकनीक पुलिस विभाग के लिए मददगार बनेगी। पारदर्शिता के साथ समय व पेपर भी बचेगा। पुलिसिंग से जुड़े कार्याें के त्वरित संपादन में भी मदद मिलेगी।

- प्रह्लाद नारायण मीणा, एसएसपी'


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