आज से आपातकालीन सेवाएं ठप करेंगे आंदोलित कर्मचारी
अल्मोड़ा में पदोन्नति में आरक्षण के खिलाफ बेमियादी हड़ताल से विभागीय कामकाज प्रभावित।
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : पदोन्नति में आरक्षण के खिलाफ बेमियादी हड़ताल से विभागीय कामकाज पूरी तरह ठप हो गए हैं। आंदोलित कर्मचारियों के तीखे तेवर देख अन्य कार्मिक भी सरकारी काम निपटाने से कतराने लगे हैं। ऐसे में जरूरतमंदों को खतौनी व जरूरी प्रमाणपत्रों के लिए तरसना पड़ रहा है। इधर पखवाड़ा भर बाद भी राज्य सरकार की ओर से कोई सकारात्मक संकेत न मिलने पर आंदोलनकारी कर्मचारियों ने बाइक रैली निकाल हुंकार भरी। इस दौरान पूरे शहर का चक्कर काट सरकार से उच्चतम न्यायालय के आदेश पर अमल करने की मांग दोहराई। चेताया कि इससे कम पर समझौता नहीं करेंगे। साथ ही सोमवार से आपातकालीन सेवाएं बाधित करने का ऐलान किया।
जनरल ओबीसी इंप्लॉइज एसोसिएशन के बैनर तले रविवार को आंदोलित कर्मचारियों ने पहले चौघानपाटा में हंगामी सभा की। राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। आरोप लगाया कि सरकार निहित लाभ के लिए कर्मचारियों के हितों से खिलवाड़ कर रही है। फिर नारेबाजी के बीच अलग अलग रूट से बाइक रैली के जरिये पूरे शहर का चक्कर लगाया। इधर चौघानपाटा में हुई सभा में कर्मचारी नेताओं ने दोहराया कि पदोन्नति में आरक्षण कतई बर्दास्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने इसे जनरल ओबीसी कर्मचारियों के हितों पर चोट बताया। दो टूक कहा कि यदि सरकार अब भी न चेती तो सोमवार से आपातकालीन सेवाएं भी बाधित कर दी जाएंगी। इस मौके पर एसोसिएशन महासचिव दिगंबर दत्त फुलोरिया, धीरेंद्र पाठक, पंकज कांडपाल, पुष्कर सिंह भैसोड़ा, दीपिका मेलकानी, प्रह्लाद रावत, बलवंत सिंह, मुकेश जोशी, रमेश पांडे, कमलेश जोशी, गौरव बिष्ट, चंद्रमणी भट्ट, मनोज लोहनी, लता तिवारी, अर्जुन कनवाल, हुकुम सिंह बनौला, वीरेंद्र सिंह बिष्ट, विपिन जोशी आदि मौजूद रहे।
===पर्यावरण मित्र बोले- ठप नहीं होगी सफाई व्यवस्था
अल्मोड़ा : उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ ने आंदोलन के खिलाफ या समर्थन में न उतरने का ऐलान किया है। प्रदेश महामंत्री राजपाल पंवार ने साफ किया कि कतिपय संगठन पदोन्नति में आरक्षण के खिलाफ चल रहे आंदोलन के विरोध में सफाई व्यवस्था ठप करने का भ्रम फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण मित्रों को मोहरा न बनाया जाए। यह भी कहा कि कोई भी कर्मचारी संगठन सफाई कर्मियों का साथ नहीं देते। दूसरा इस संबंध में प्रदेश नेतृत्व से कोई वार्ता भी नहीं हुई है। ऐसे में सफाई व्यवस्था ठप करने का सवाल ही नहीं उठता।