परिस्थितियों को समझने वाले राजनीतिक विकल्प की जरूरत: पीसी तिवारी
अल्मोड़ा में उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी की बैठक में राज्य की विभिन्न जनसमस्याओं को लेकर चर्चा की गई। कहा गया कि राज्य को परिस्थितियों को समझने वाले राजनीतिज्ञों की जरुरत है।
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी की बैठक में राज्य की विभिन्न जनसमस्याओं के लिए संघर्ष करने का संकल्प लिया गया। कहा गया कि वर्तमान में हिमालयी राज्य की परिस्थितियों को समझने वाले राजनीतिक विकल्प की जरूरत है। गांव-गांव में अभियान चलाकर पार्टी को और मजबूत बनाने का भी निर्णय लिया गया।
रैमजे इंटर कालेज में बैठक की शुरूआत जनगीत से हुई। बैठक में पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि पृथक उत्तराखंड राज्य गठन को 20 वर्ष पूरे होने को हैं, लेकिन इन वर्षो में राज्य का विकास जिस गति से होना था, नहीं हो पाया है। बारी-बारी से सत्ता में आई भाजपा व कांग्रेस राज्य की अवधारणा व क्षेत्रीय राजनीतिक अस्मिता को समाप्त करने पर तुली है। कहा कि उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी 17 जनवरी, 2009 से लगातार जनहितों के लिए संघर्ष कर रही है।
पार्टी के प्रधान महासचिव प्रभात ध्यानी ने कहा कि लाकडाउन के दौरान सरकार ने जो घोषणाएं की थी वह अब तक धरातल पर नहीं उतर पाई हैं। यह डबल इंजन की सरकार की विफलता को उजागर करता है।
बैठक को केंद्रीय कोषाध्यक्ष कुलदीप मधवाल, आनंदी वर्मा, प्रकाश उनियाल, प्रकाश जोशी, किरन आर्या, वंदना कोहली, प्रकाश आर्या, रेशमा परवीन, हीरा देवी, गोविंद महरा, एड. नारायण राम आदि ने संबोधित किया। बैठक की अध्यक्षता पीसी तिवारी व संचालन अमीनुर्रहमान ने किया।
इस मौके पर लीला खोलिया, हेम चंद्र, कौस्तुभानंद भट्ट, हेम पांडे, जगदीश राम, राजू गिरि, पूरन मेहरा, एड. मनोज पंत, आशुतोष, महेश चंद्र आर्या, सोनिया मेहरा, आरती मेहरा, शिवदत्त पांडे समेत विभिन्न विकास खंडों के कार्यकर्ता मौजूद रहे।