कृषि के बाद हथकरघा रोजगार का बड़ा जरिया : ज्योति
संवाद सहयोगी, रानीखेत : सीइओ कैंट बोर्ड ज्योति कपूर ने कहा, हथकरघा कृषि के बाद
संवाद सहयोगी, रानीखेत : सीइओ कैंट बोर्ड ज्योति कपूर ने कहा, हथकरघा कृषि के बाद दूसरा बड़ा भारतीय परंपरागत व्यवसाय है। रोजगार का बड़ा जरिया भी। आíथक, सामाजिक व तकनीकी बदलाव की चुनौती से पार पाने के लिए उन्होंने हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने को बाजार पर खास ध्यान देने की जरूरत बताई।
पर्यटन नगरी के रंगोली आंगन में प्रदेश स्तरीय हस्तशिल्प, हथकरघा एवं लघु उद्यम प्रदर्शनी का निरीक्षण कर सीईओ ज्योति ने कहा बुनकरों को बाजार की मांग के अनुरूप उत्पाद तैयार करने होंगे। ताकि बेहतर विपणन हो सके। विशिष्ट अतिथि प्रमुख ताड़ीखेत रचना रावत ने बुनकरों के समूहों को एक ही स्थान पर विभिन्न प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय हैंडलूम विकास कार्यक्त्रम के तहत ब्लॉक स्तरीय कलस्टर योजना की विकासखंड में भी महती जरूरत बताई। उन्होंने स्वरोजगार को सहकारी कलस्टर योजना को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए लोगों से हथकरघा क्षेत्र से जुड़ने का आह्वान किया।
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हैंडलूम क्षेत्र में अपार संभावनाएं : फतेह बहादुर
सलाहकार उत्तराखंड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास काउंसिल फतेह बहादुर सिंह ने कहा, उद्योग को बढ़ावा व राज्य के बुनकरों के उत्पादों के लिए बेहतर विपणन व्यवस्था प्रदान करने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे। हथकरघा क्षेत्र की संभावनाएं गिनाते हुए सलाहकार फतेह बहादुर सिंह ने बताया कि पूरे देश में 28 बुनकर सेवा केंद्र हैं। चमोली में उत्तराखंड का एकमात्र केंद्र है। बताया कि बुनकरों के लिए बाबा साहब अंबेडकर हस्तशिल्प योजना, राजीव गाधी शिल्पी व महात्मा गाधी बुनकर स्वास्थ्य बीमा, वीवर क्त्रेडिट कार्ड आदि योजनाएं चलाई जा रही।
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बनारसी व बांग्ला साड़ी का क्रेज
हस्तशिल्प प्रदर्शनी में हरिद्वार में तैयार बांग्ला साड़ी के साथ बनारसी साड़ी खूब पसंद की जा रही। वहीं अल्मोड़ा की खादी, कैरी बैग, टोकरी, मोहनपुरा (हरिद्वार) की लोई, शक्तिफार्म (ऊधम सिंह नगर) से बांस की कुर्सी मेज, सोफा व मूर्तियां, महुआडाबरा, महुआखेड़ा गंज व काशीपुर के साथ ही मुरादाबाद की प्रिंटेड चादरें, बेड व सोफा कवर, सहारनपुर लकड़ी की सजावटी सामग्री, भदोई की कालीन व पीपलसाना (मुरादाबाद) का हस्तशिल्प खासा लुभा रहा। ==============