जिले में 30 फीसद फलों को नुकसान
मौसम की बेरुखी से इस बार जिले में 30 फीसदी फलों को नुकसान पहुंचा है।
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : मौसम की बेरुखी से इस बार जिले में 30 फीसदी फलों को नुकसान पहुंचा है। वहीं लॉकडाउन के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के फल उत्पादकों को अपने फलों को औने-पौने दामों पर बेचने को विवश होना पड़ रहा है। विदित हो कि जिले के विभिन्न विकास खंडों में 15690 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फलों का उत्पादन होता है। जिले में हर वर्ष करीब दो करोड़ का कारोबार फलोत्पादक करते हैं।
जिले के विभिन्न विकास खंडों हवालबाग, ताकुला, द्वाराहाट, चौखुटिया, भिकियासैंण, स्याल्दे, सल्ट, ताड़ीखेत, लमगड़ा, धौलादेवी व भैसियाछाना में फलों का उत्पादन करने वाले कुल काश्तकारों की कुल संख्या 41,650 है, जिसमें से मौसम के उतार-चढ़ाव जैसे ओलावृष्टि व अंधड़ से 17,650 काश्तकार इससे प्रभावित हुए हैं। विभिन्न विकास खंडों में हर साल फलों के उत्पादन से करीब दो करोड़ का कारोबार होता है, लेकिन इस बार ऐन मौके पर विपरीत मौसम से काश्तकारों को करीब 20 लाख का नुकसान होने का अनुमान है। फल उत्पादन करने वाले काश्तकारों हरीश जोशी,हरिदत्त, गोपाल दत्त उप्रेती तथा दीवान सिंह, चंदन सिंह रावत का कहना है कि पहले ठीक पेड़ों में फूल आने के दौरान ओलावृष्टि तथा बाद में फल आने के बाद भी ओलावृष्टि से फलों को नुकसान पहुंचा। वहीं फलों की सेटिंग भी बिगड़ गई। इससे फल उत्पादकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। इससे साथ ही इस बार लॉक डाउन के चलते उनके सामने विपणन की समस्या भी आ रही है। अनेक ग्रामीण क्षेत्र ऐसे हैं, जहां मुख्य मार्ग से ग्रामीण क्षेत्रों के पहुंच मार्ग काफी दूर हैं, ऐसे में उत्पादक इन फलों को औने-पौने दामों में बेचने के लिए विवश हो रहे हैं।
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जिले में फलों का उत्पादन
आड़ू 1670
खुबानी 2290
पुलम 2610
सेब 1570
नाशपाती 3200
नींबू 4350
(नोट: फलों का उत्पादन हेक्टेयर में है। )
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विभिन्न फलों का भाव
फल थोक भाव मार्केट भाव
आड़ू 25 30
खुबानी 40 45
पुलम 35 40
नोट: थोक व मार्केट भाव प्रति किलो के दर से हैं
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इस बार जिले में बार-बार मौसम के उतार-चढ़ाव से फलोत्पादन को 25 से 30 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचा है। ओलावृष्टि से भी फलों की सेटिंग पर विपरीत असर पड़ा है। शासन को क्षति का आकलन भेजा गया है, कार्रवाई अपेक्षित है।
-त्रिलोकी नाथ पांडे, मुख्य उद्यान अधिकारी, अल्मोड़ा