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मथुरा की टोली बंदर पकड़ने आएगी अल्मोड़ा

अल्मोड़ा में बंदरों के बढ़ते आतंक से अब मथुरा की प्रशिक्षित टोली निजात दिलाएगी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Feb 2021 10:56 PM (IST)Updated: Thu, 25 Feb 2021 10:56 PM (IST)
मथुरा की टोली बंदर पकड़ने आएगी अल्मोड़ा
मथुरा की टोली बंदर पकड़ने आएगी अल्मोड़ा

संस, अल्मोड़ा: पहाड़ में बंदरों के बढ़ते आतंक से अब मथुरा की प्रशिक्षित टोली निजात दिलाएगी। विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान की सिफारिश पर पीसीसीएफ ने हामी भर दी है। फिलहाल बंदरों से निपटने को शासन स्तर पर नए सिरे से कवायद शुरू हो गई है। 11 लाख रुपये का बजट मंजूर कर दिया गया है। बंदरों को पकड़ने वाले को इनाम के तौर पर 500 रुपये इसी फंड से दिए जाएंगे। सब कुछ ठीक रहा तो वन विभाग में बंदरों की नसबंदी आपरेशन करने के लिए स्थायी चिकित्सक भी तैनात कर लिया जाएगा।

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जिला मुख्यालय व आसपास के इलाकों में बंदरों का आतंक एक बार फिर बढ़ गया है। राह चलती महिलाओं पर झपटने के मामले सामने आने के बाद विस उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान ने गुरुवार को वन विभाग के मुखिया से वार्ता कर सुझाव दिया कि मथुरा में तमाम लोग बंदर पकड़ने में दक्ष हैं। उनसे मदद ली जा सकती है। इस पर विभाग प्रमुख ने हामी भरते हुए प्रभावी कदम उठाने का भरोसा दिलाया। इधर विस उपाध्यक्ष ने बताया कि शासन ने अल्मोड़ा वन प्रभाग व सिविल सोयम को 11 लाख रुपये स्वीकृत कर दिए हैं। बंदरों को पकड़ने वाले को 500 रुपये इनाम इसी राशि से दिया जाएगा। डीएफओ महातिम सिंह यादव ने कहा कि विस उपाध्यक्ष ने पीसीसीएफ को प्रस्ताव दिया है। बजट मिलते ही कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी। इसी सिलसिले में महिला कल्याण समिति की पदाधिकारी व सदस्य विस उपाध्यक्ष से उनके कैंप कार्यालय में मिलीं।

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पालिका ने पकड़े 24 बंदर

पालिका के दल ने नगर व आसपास के क्षेत्रों से 24 बंदर पकड़ कर वन्यजीव चिकित्सालय एनटीडी पहुंचा दिए हैं। जहां गुरुवार से उनके आपरेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

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पशुपालन विभाग के दो चिकित्सकों ने चिडि़यापुर (देहरादून) से नसबंदी आपरेशन का विशेष प्रशिक्षण ले लिया है। वन विभाग के पास डाक्टर नहीं हैं। हमने पीसीसीएफ से वार्ता कर वन विभाग में स्थायी चिकित्सक की तैनाती का भी प्रस्ताव दिया है। तब तक पशुपालन विभाग के डाक्टर ही मदद देंगे। मथुरा से टोली बुलाने के आग्रह पर भी विभाग प्रमुख ने सहमति जताई है। बंदरों को पकड़ने के लिए शासन ने 11 लाख रुपये स्वीकृत किए हैं। उम्मीद है जल्द ही वन विभाग व सिविल सोयम को मिल जाएंगे।

- रघुनाथ सिंह चौहान, विधानसभा उपाध्यक्ष


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