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रानीखेत की नदी में धमाके से मछलियों का शिकार पड़ेगा भारी

कोसी नदी क्षेत्र में धमाका कर मछलियों का शिकार अब आसान नहीं होगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Feb 2021 10:49 PM (IST)Updated: Tue, 23 Feb 2021 10:49 PM (IST)
रानीखेत की नदी में धमाके से मछलियों का शिकार पड़ेगा भारी
रानीखेत की नदी में धमाके से मछलियों का शिकार पड़ेगा भारी

संवाद सहयोगी, रानीखेत : नदी क्षेत्र में धमाका कर मछलियों का शिकार अब आसान नहीं होगा। इसके लिए मत्स्य विभाग महिला मंगल दल व युवक मंगल दल को जिम्मेदारी सौंपेगी। यह टीम नदियों में धमाका करने वालों पर निगरानी रख कार्रवाई के लिए प्रशासन को सूचित करेगी।

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दरअसल अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे के समीप बहने वाली कोसी नदी में जगह-जगह धमाके से मछलियों का शिकार किया जाता है। गंधक पोटास के मिश्रण से किए जाने वाले धमाके से बड़ी-छोटी मछलियां मारी जा रही हैं। हालत यह है की संरक्षित प्रजाति की रोहू मछली के अस्तित्व पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। पुलिस व प्रशासन के छापामार अभियान चलाए जाने के बाद कुछ हद तक अराजक तत्व शात दिखते हैं पर नजर हटते ही फिर नदी क्षेत्र में धमाके तेज हो जाते हैं। कोसी नदी पर क्वारब, काकड़ीघाट, नावली,भोर्या बैंड सहित आसपास के क्षेत्रों में धमाके से मछलियों का शिकार किया जाता है।

अब मत्स्य विभाग ने इसके खिलाफ सख्त रुख अपना लिया है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो रामगंगा तथा कोसी नदी पर धमाका कर मछलियों का शिकार करने वाले अराजक तत्वों पर निगाह रखने के लिए नदी क्षेत्र से सटे ग्राम पंचायतों के महिला व युवक मंगल दल को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

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वर्जन

'रामगंगा व कोसी नदी में धमाके से मछलियों का शिकार करने वालों पर शिकंजा कसने को महिला मंगल दल व युवक मंगल दल को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। अराजक तत्वों को चिन्हित करने के बाद कार्रवाई को प्रशासन को भी पत्राचार किया जाएगा।

- रितेश चंद, सहायक निदेशक मत्स्य'


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