सहायक प्राध्यापकों के सेवा विस्तार को लेकर संशय के बादल
द्वाराहाट के इंजीनियरिग कॉलेज के सहायक प्राध्यापकों के सेवा विस्तार को लेकर संशय बरकरार है।
संवाद सहयोगी, द्वाराहाट: केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय (अब शिक्षा) द्वारा प्रदेश के सात इंजीनियरिंग कालेजों में तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम-3 (टीईक्यूआइपी) के जरिए नियुक्त सहायक प्राध्यापकों के सेवाकाल के विस्तार को लेकर संशय के बादल मंडरा रहे हैं। योजना के तहत राज्य में तैनात 115 सहायक प्राध्यापकों का सेवाकाल सितंबर में समाप्त होने जा रहा है। अकेले बीटीकेआइटी द्वाराहाट में 35 सहायक प्राध्यापक हैं। शासन स्तर पर अभी तक गाइड लाइन तैयार न होने से विद्यार्थियों तथा इन शिक्षकों का भविष्य अधर में लटका है।
दूरस्थ क्षेत्रों के इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्राध्यापकों द्वारा पदभार ग्रहण न करने से कई पद रिक्तरह जाते थे। जिसका खामियाजा इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों को उठाना पड़ता था। इस समस्या को दूर करने के मकसद से केंद्र सरकार ने तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम के तहत करीब तीन वर्ष पूर्व राष्ट्रीय योजना क्रियान्वयन इकाई (एपीआइयू) के माध्यम से राज्य के सात इंजीनियरिंग कॉलेजों में 115 सहायक प्राध्यापक नियुक्त किए। इसमें से अकेले द्वाराहाट के विपिन त्रिपाठी कुमाऊं तकनीकी संस्थान (बीटीकेआइटी) में 35 सहायक प्राध्यापक नियुक्त हुए। इन नियुक्तियों से तकनीकी शिक्षा में सुधार की सरकार की मंशा पूरी हो रही थी। द्वाराहाट का उदाहरण लें तो कुल 81 प्राध्यापकों में से इनकी संख्या 35 है। अब सितंबर 30 को इनका अनुबंध पूरा हो रहा है। योजना के तहत यह साफ किया गया है कि राज्य सरकारें इन सहायक प्राध्यापकों का सेवा विस्तार करने का निर्णय ले सकती हैं मगर उत्तराखंड में मामले में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिए जाने पर अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है।
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नियुक्तियों का ब्योरा
बीटीकेआइटी द्वाराहाट - 35
जीबीपीयूएटी पंतनगर - 22
तकनीकी शिक्षण संस्थान गोपेश्वर - 14
जीबी पंत इंजीनियरिंग कॉलेज पौड़ी- 6
सीमात इंजीनियरिंग कॉलेज पिथौरागढ़ - 9
टीएचडीसी टिहरी गढ़वाल - 15
डब्ल्यूआइटी देहरादून -14 ==== टीईक्यूआइपी के तहत अनुबंधित सहायक प्राध्यापकों का सेवा विस्तार हो सकता है मगर शासन स्तर से अभी तक कोई आदेश नहीं मिला है।
- डॉ. वीएम मिश्रा, निदेशक बीटीकेआइटी द्वाराहाट