फलसों गांव के तीन परिवारों पर टूटा दुखों का पहाड़
भिकियासैंण (अल्मोड़ा) में तल्ला सल्ट के फलसों गांव के तीन परिवारों के लिए शनिवार को दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।
संवाद सहयोगी, भिकियासैंण (अल्मोड़ा) : तल्ला सल्ट के फलसों गांव के तीन परिवारों के लिए शनिवार का दिन काल बनकर आया। तीनों घरों के युवक सुबह परिजनों से घर का जरूरी सामान लाने की बात कहकर घर से निकले थे। लेकिन शायद उन्हें यह पता नहीं था कि यह उनका अंतिम सफर है। घटना के बाद जहां परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। वहीं गांव में करूण क्रंदन के अलावा और कुछ नहीं है।
फलसों निवासी चंदन का एक बड़ा भाई और दो बहनें हैं। चंदन भाई बहनों में सबसे छोटा है। चंदन ने इंटर तक की पढ़ाई की थी और वर्तमान में वह बेरोजगार था। दीपक के परिवार में भी उसका एक बड़ा भाई और तीन बहनें हैं। वर्तमान में वह दसवीं कक्षा का छात्र था। जबकि बिरेंद्र रौतेला पांच भाईयों में सबसे छोटा था। बिरेंद्र वर्तमान में देहरादून में किसी प्राइवेट कंपनी में काम करता था। कोरोना संक्रमण के बाद वह 23 मार्च को देहरादून छोड़कर अपने गांव आ गया था। लेकिन शायद उसे भी पता नहीं था कि नियति को कुछ और ही मंजूर है। तीनों मृतकों के साथियों ने बताया कि दीपक ने नदी की जानकारी होने की बात कही थी। जिसके बाद सभी रामगंगा नदी में उतर गए। घटना के बाद अब फलसों गांव के इन तीन परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट गया है। लेकिन सांत्वना देने के अलावा अब कोई कर भी क्या सकता है।
-भिकियासैंण में ही कराया गया पोस्टमार्टम
संस, भिकियासैंण : कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान लागू लॉकडाउन को देखते हुए प्रशासन ने तीनों शवों का पोस्टमार्टम भिकियासैंण में ही कराया। प्रशासन की पहल के बाद नागरिक चिकित्सालय रानीखेत के डा. दीप प्रकाश कार्की अपनी टीम के साथ यहां पहुंचे और तीनों मृतकों का पोस्टमार्टम कर देर शाम शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया।