Move to Jagran APP

बालमन की वेदना बड़ों के लिए बन गई प्रेरणा

अल्मोड़ा में वैश्वीकरण की मौजूदा परिस्थितियों में कोरोना वायरस जनित महामारी से निपटने के लिए बच्ची ने जिलाधिकारी को अपनी गुल्लक तोड़ कर पैसे दिए।

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Apr 2020 09:21 PM (IST)Updated: Sat, 04 Apr 2020 09:21 PM (IST)
बालमन की वेदना बड़ों के लिए बन गई प्रेरणा
बालमन की वेदना बड़ों के लिए बन गई प्रेरणा

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : वैश्वीकरण की मौजूदा परिस्थितियों में कोरोना वायरस जनित महामारी पूरी दुनिया के सामने केवल स्वास्थ्य ही नहीं बल्कि आर्थिक चुनौतियां भी लेकर आई है। इस वायरस के संक्त्रमण से कराह रहे विश्व की भयावह तस्वीर खौफ भी पैदा कर रही। चपेट में आए रोगियों के इलाज में जुटे कोरोना से जंग के असल सिपाही चिकित्सक हों या लॉकडाउन के अनुपालन को दिन रात ड्यूटी पर मुस्तैद पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी कर्मी, जोखिम इनके लिए भी कम नहीं। बालमन में संक्रमण को हराने के लिए जुटे कोरोना वॉरियर्स की सुरक्षा का खयाल आया तो बच्ची ने उस गुल्लक को तोड़ने का फैसला कर लिया, जिसमें उसने जमा किए थे 10 हजार रुपये। ताकि इस रकम से कोरोना योद्धा अपने लिए मास्क, सेनेटाइजर व ग्लब्ज का बंदोबस्त कर हमारी सेवा कर सकें। साथ ही गरीबों का पेट भरने में कुछ मदद मिल सके। संकट की इस घड़ी में अनूठी पहल से नगर के मध्यमवर्गीय परिवार की यह नन्ही परी बड़ों बड़ों के लिए प्रेरणा बनकर उभरी है।

prime article banner

=

टीवी पर खबरें देख दहला दिल

यहां बात हो रही नगर के पांडेखोला निवासी दिनेश उप्रेती व अनीता की 12 वर्षीय बेटी वैष्णवी की। वह एक पब्लिक स्कूल में 7वीं में पढ़ती है। दरअसल, इन दिनों टीवी पर कोरोना से कराह रही पूरी दुनिया की खबरें देख वैष्णवी का दिल भी दहल उठा। खासतौर पर भोजन व छत के अभाव में लॉकडाउन तोड़ इधर उधर भाग रहे लोगों से जुड़ी खबरों ने उसे झकझोर कर रख दिया।

=

.. और डीएम को सौंप दी जमापूंजी

तब उसने प्रण किया कि बीते पांच वर्षो से पॉकेट मनी के लिए मिलने वाले बीस पचास रुपये जो वह जमा करती आ रही, उस पूंजी को कोरोना से जंग लड़ने के लिए देगी। उसने गुल्लक तोड़ा। पूरे 10 हजार वह जमा कर चुकी थी। ये रुपये लेकर वह अपने पिता दिनेश के साथ कलक्ट्रेट पहुंची और डीएम को सौंप दिए।

=

'टीवी में रोज देख रही थी। कोरोना से हजारों लोग मर रहे हैं। अपने भारत में कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा। कई लोग बीमारी की चपेट में हैं। तब मुझे लगा कि इनकी सेवा के लिए अपना गुल्लक तोड़ मदद करूं।

- वैष्णवी उप्रेती'

=============

'वैष्णवी वाकई प्रेरणास्रोत बन गई। बच्ची ने जो 10 हजार रुपये हमें दिए हैं, उसका सदुपयोग रोटी बैंक के लिए करेंगे। जहां जरूरतमंदों के लिए भोजन बन रहा। बच्ची की जितनी सराहना की जाए कम है। हमें उससे सीख लेनी चाहिए।

- नितिन सिंह भदौरिया, डीएम'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.