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चेक बाउंस पर एक साल की कड़ी कैद, सात लाख जुर्माना

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने चेक बाउंस मामले में अभियुक्त को पाते हुए एक साल की कड़ी कैद की सजा सुनाई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 11:29 PM (IST)Updated: Thu, 20 Feb 2020 06:13 AM (IST)
चेक बाउंस पर एक साल की कड़ी कैद, सात लाख जुर्माना
चेक बाउंस पर एक साल की कड़ी कैद, सात लाख जुर्माना

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने चेक बाउंस मामले में अभियुक्त को एक वर्ष की कड़ी कैद तथा सात लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। साथ ही जुर्माने की धनराशि में से पांच लाख रुपये पीड़ित को प्रतिकर के रूप में अदा करने का आदेश दिया। अर्थदंड जमा करने में हीलाहवाली करने पर तीन माह के अतिरिक्त साधारण कारावास की व्यवस्था भी दी।

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अभियोजन पक्ष के अनुसार नसीबुल्ला कुरैशी पुत्र हबी उल्लाह निवासी रानीधारा रोड सिटोली तथा स्वप्निल पांडे पुत्र स्व. केसी पांडे प्रोपराइटर संतुष्टि इंटरप्राइजेज नंदादेवी मूल निवासी रानीधारा आपस में अच्छे परिचित थे। स्वप्निल अपनी आíथक परेशानी का हवाला देते हुए नसीबुल्ला से समय समय पर नकद व चैक के माध्यम से पांच लाख रुपये उधार लिए। इसकी एवज में स्वप्निल ने अपनी फर्म के नाम से नसीबुल्ला को दि नैनीताल बैंक शाखा के 24 अप्रैल को अपने खाते के चेक से पांच लाख रुपये दिए। परिवादी ने चार मई को चेक बैंक में जमा कराया तो स्वप्निल के खाते में पर्याप्त धनराशि नहीं होने के कारण बाउंस हो गया। इसका पता परिवादी को छह मई को लगा। इस पर नसीबुल्ला ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से अभियुक्त को विधिक नोटिस भिजवाया। स्वप्निल को 23 मई को नोटिस मिला लेकिन उसने चेक की धनराशि का भुगतान नहीं किया। इस मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में सुनवाई हुई। परिवादी नसीबुल्ला की ओर से अधिवक्ता रोहित कार्की ने पैरवी की। तथ्यों के परीक्षण व दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मनमोहन सिंह ने अभियुक्त स्वप्निल पांडे को दोषी पाते हुए एक वर्ष के कठोर कारावास तथा सात लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने पर तीन माह के अतिरिक्त कारावास की व्यवस्था भी दी गई। साथ ही अभियक्त की ओर से बीती नौ जनवरी को परिवादी को अदा किए गए बीस हजार रुपये परिवादी को देय प्रतिकर की धनराशि में समायोजित करने का भी आदेश दिया।


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