कोसी को नवजीवन के लिए जुटेंगे वैज्ञानिक
जीवनदायिनी को नया जीवन देने के लिए कोसी पुनर्जनन महाभियान का दूसरा चरण नई सोच के साथ शुरू होगा।
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : जीवनदायिनी को नया जीवन देने के लिए कोसी पुनर्जनन महाभियान का दूसरा चरण नई सोच व ऊर्जा के साथ शुरू होगा। जीआइसी नाई (ताकुला) में 17 फरवरी को कार्यशाला होगी। इसमें शोध वैज्ञानिक, विशेषज्ञ एवं जल मित्र जुटेंगे। कोसी बचाने को बीते तीन दशक से शोध व अध्ययन में जुटे नेशनल जियो स्पेशल चेयर प्रोफेसर (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) प्रो. जीवन सिंह रावत व्याख्यान देंगे। कोसी के उद्गम क्षेत्रों में यांत्रिक व जैविक उपचार की विधि बताएंगे। याद रहे प्रो. रावत की पहल पर ही राज्य सरकार ने कुमाऊं में कोसी व गढ़वाल में रिस्पना नदी के पुनर्जनन का बीड़ा उठाया है। साथ ही उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. मंजू सुंदरियाल, वन क्षेत्राधिकारी संचिता वर्मा आदि भी विचार रखेंगी। कार्यक्रम संयोजक प्रवक्ता भूगोल रमेश सिंह रावत रहेंगे।
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ताकि कोसी के प्रति जागे समर्पण भाव
जीवनदायिनी के प्रति समर्पण भाव जगाने के लिए जीआइसी गणानाथ, सुनौली, सारकोट, भकूना व नाई तथा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गंगोलाकोटुली के विद्यार्थियों की दो वर्गो में कोसी पुनर्जनन आधारित निबंध, भाषण व चित्रकला प्रतियोगिता भी होगी। संस्कृतिक कर्मी पूरन सिंह नयाल की टीम सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिये नदी की महत्ता बता जनसहभागिता पर जोर दिया जाएगा।
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रूपेरखा तय
जीआइसी नाई में आहूत राज्य स्तरीय कार्यशाला की रूपरेखा तय की गई। इसमें संचालक रमेश सिंह रावत के साथ ही प्रधानाचार्य अनिल कठेरिया, प्रवक्ता इंद्रेश कुमार पांडे, बीडीओ किशन राम आर्या, डॉ. पवनेश ठकुराठी, नवल किशोर, गणेश चंद्र शर्मा, फरीद अहमद, सौरभ कुमार, तारा सिंह नयाल आदि मौजूद रहे।