तंत्र की बेरुखी पर ग्रामीणों की नायाब पहल
रानीखेत में बार-बार आवाज उठाए जाने के बावजूद पेयजल व्यवस्था दुरुस्त न होने से परेशान ग्रामीणों ने स्वयं ही गांव तक पानी पहुंचा दिया है।
संवाद सहयोगी, रानीखेत : बार-बार आवाज उठाए जाने के बावजूद पेयजल व्यवस्था दुरुस्त न होने से परेशान ग्रामीणों ने खुद ही गाव में पानी पहुंचाने का जिम्मा उठा लिया है। इसके लिए बकायदा पूरे गांव से अस्सी हजार रुपये एकत्र कर प्राकृतिक जल स्त्रोत से गाव तक पानी पहुंचाने के लिए पाइप लाइन ठीक करने का कार्य भी शुरू कर दिया है।
रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे पर स्थित पिलखोली गाव के बाशिंदों को जामण पेयजल योजना से पानी की आपूर्ति की जाती है। विभागीय अनदेखी से ग्रामीण वर्ष भर पानी की बूंद-बूंद को तरसते हैं। आलम यह है कि सप्ताह में महज एक बार पानी की आपूर्ति होती है, उसमें भी समुचित मात्रा में पेयजल उपलब्ध नहीं हो पाता। व्यवस्था से आजिज ग्रामीणों ने खुद ही गाव में पानी पहुंचाने का जिम्मा उठा लिया है। ग्रामीणों ने गाव से करीब तीन किमी दूर तालउडियार स्त्रोत से गाव तक प्लास्टिक के पाइप बिछाकर पानी पहुंचाने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए ग्रामीणों ने आपस में चंदा कर करीब अस्सी हजार रुपये इकट्ठा किए। प्लास्टिक के पाइप खरीदे गए और कार्य शुरू कर दिया गया है। स्थानीय भूपेंद्र बिष्ट, पान सिंह नेगी, हिमाशु बिष्ट, पूरन सिंह के अनुसार विभागीय उपेक्षा से आहत होने पर ग्रामीणों ने मिल जुलकर यह कदम उठाया। ग्रामीणों की एकजुटता से अब करीब गाव की तीन हजार की आबादी लाभान्वित हो सकेगी।
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मुख्य स्त्रोत पर प्रभावशाली लोगों का कब्जा
गाव को बनी जामड़ पेयजल योजना के मुख्य स्त्रोत पर कुछ प्रभावशाली लोगों ने निजी लाइनें तक बिछा डाली हैं। निजी लाइने बिछाए जाने से गाव के लोगों को समुचित मात्रा में पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा। मामले को लेकर जिला पंचायत सदस्य सुरेश सिंह फत्र्याल भी मुखर हो गए हैं। कहा कि मामले को जिला पंचायत बैठक में भी रखा जाएगा। साथ मुख्य स्त्रोत पर निजी लाइनें बिछाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
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