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मंजूरी के तीन साल बाद भी नहीं मिला एनएच का दर्जा

रानीखेत-मोहान रामनगर स्टेट हाईवे को राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने के मसले पर फिलहाल ने वित्तीय मदद देने से हाथ खींच लिए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 11:30 PM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 06:15 AM (IST)
मंजूरी के तीन साल बाद भी नहीं मिला एनएच का दर्जा
मंजूरी के तीन साल बाद भी नहीं मिला एनएच का दर्जा

जागरण टीम, अल्मोड़ा/रानीखेत : रानीखेत-मोहान रामनगर स्टेट हाईवे को राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने के मसले पर फिलहाल केंद्र ने वित्तीय स्वीकृति से हाथ खींच लिए हैं। नतीजतन, सैद्धांतिक स्वीकृति के तीन साल बाद भी इसे एनएच का दर्जा नहीं मिल सका है। हालांकि विभागीय अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि बहुत जल्द वित्तीय मंजूरी मिल जाएगी। बहरहाल, उहापोह की स्थिति में स्टेट हाईवे की मरम्मत अधर में लटकी पड़ी है।

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दरअसल, रामनगर-रानीखेत स्टेट हाईवे को वर्ष 2016 में एनएच का दर्जा देने के लिए केंद्र ने सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी थी। इससे स्टेट हाईवे की कायाकल्प की नई उम्मीद भी जगी। मगर वित्त्तीय स्वीकृति पर पेंच फंस गया है। एनएच सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार की हरी झंडी पर ही स्टेट हाईवे को एनएच के अधीन लिया जा सकेगा। फिलहाल लोनिवि ही रोड के रखरखाव का जिम्मा संभाल रहा है।

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बजट मिले तो हो सुधरे हालात

स्टेट हाईवे के सुधारीकरण को बजट का रोड़ा भारी पड़ रहा। इससे जगह जगह गड्ढों का भरान तक नहीं हो पा रहा। इसे एनएच का दर्जा मिलने के बाद केंद्र से बड़ा बजट मिलने पर ही उद्धार की उम्मीद है।

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लगातार बढ़ रही गहरी दरारें व भूधंसाव

स्टेट हाईवे पर खतरा मंडराने लगा है। एनएच की बाट जोहते राजमार्ग जगह जगह खस्ताहाल हो चला है। बीचोंबीच गहरी होती दरारें चौड़ी होती जा रही। भूधंसाव से जोखिम बढ़ रहा सो अलग। स्टेट हाईवे से लगी पहाड़ी की ओर सुरक्षात्मक कार्य न होने से मलबा व पत्थर सड़क पर कभी भी बड़े हादसे का सबब बन सकते हैं।

=======पैकेज ===========

सड़कों के सुधार को 80 करोड़ रुपये का प्रस्ताव पहाड़ में राष्ट्रीय राजमागरें की दशा सुधारने को संबंधित विभाग ने कदम बढ़ा लिए हैं। क्वारब से कोसी, चौखुटिया से पांडुवाखाल, बाडे़छिना से दन्या, ताकुला से काफलीगैर तक एनएच को दुरुस्त करने के लिए करीब 80 करोड़ का प्रस्ताव सड़क व भूतल मंत्रालय को भेजा गया है। अधिकारियों के अनुसार बजट को जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है।

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'स्टेट हाईवे अभी लोनिवि के ही अधीन है। हालाकि वर्ष 2016 में सैद्धातिक स्वीकृति मिल चुकी है। पर वित्तीय स्वीकृति नही मिल सकी है। केंद्र से स्वीकृति मिलने के बाद स्टेट हाईवे को राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा मिल सकेगा। अन्य सड़कों के सुधार को 80 करोड़ रुपये का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है।

- एमपीएस कालाकोटी, एसई एनएच'


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