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सतगुरु नानक प्रगटिया मिटी धुंध जग चानण होआ..

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : 'सतगुरु नानक प्रगटिया, मिटी धुंध जग चानण होआ। ज्यूं कर सूरज निकलया, तारे छुप

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 02:23 PM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 02:23 PM (IST)
सतगुरु नानक प्रगटिया मिटी धुंध जग चानण होआ..
सतगुरु नानक प्रगटिया मिटी धुंध जग चानण होआ..

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : 'सतगुरु नानक प्रगटिया, मिटी धुंध जग चानण होआ। ज्यूं कर सूरज निकलया, तारे छुपे अंधेर पलोआ..'। यानी श्री गुरु धरती पर प्रकट हुए तो अज्ञान रूपी अंधकार छंटता गया और ज्ञान रूपी उजाला चारों तरफ सूर्य की किरणों के साथ फैलता गया। मानवता एवं धर्म का संदेश देने वाले सिख पंथ के प्रथम गुरु श्री गुरु नानकदेव जी के प्रकाशपर्व पर सांस्कृतिक नगरी गुरुमय हो उठी। दीवान सजे। कथावाचकों ने श्री गुरु नानकदेव जी की महिमा का बखूबी बखान किया। शबद कीर्तनों का दौर भी चला। अल्मोड़ा में 17 नवंबर तक प्रकोटोत्सव संबंधी कार्यक्रम चलेंगे।

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लिंक मार्ग स्थित गुरुद्वारा कृपासर में भव्य दीवान सजा। श्री गुरु नानकदेव जी के प्रकटोत्सव पर ग्रंथी परमनिधान सिंह ने कथापाठ कर साध संगत को निहाल किया। कहा कि श्री गुरुनानक देव जी ने समाज में महिलाओं को सम्मान के साथ ही जात पात, ऊंच नीच को खत्म कर सामाजिक व्यवस्था को एक सूत्र में पिरो कर मानवता का संदेश दिया। प्रकाश पर्व से जुड़े कार्यक्रम सांस्कृतिक नगरी में 17 नवंबर तक चलेंगे। शबद कीर्तन होंगे। लंगर भी बरता जाएगा। उधर भारतीय सेना की सिख रेजिमेंट के श्रीगुरुद्वारा में भी दीवान सजा। शबद कीर्तनों से माहौल श्री गुरु की महिमा में रम गया। ग्रंथी कुलदीप सिंह ने कथापाठ कर संगत को निहाल किया। इधर कार्तिक पूर्णिमा पर पवित्र नदियों व सरोवरों में स्नान के साथ ही मंदिरों में पूजा अर्चना की गई। महिलाओं ने व्रत भी रखे।


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