दिन में बंदर तो रात में सूअरों का आतंक
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : नगर क्षेत्र के विभिन्न मोहल्लों में बंदरों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में बंदरों
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : नगर क्षेत्र के विभिन्न मोहल्लों में बंदरों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में बंदरों के साथ ही जंगली सूअरों का आतंक है। लोगों ने इनसे निजात दिलाने की मांग की है।
नगर क्षेत्र के रानीधारा, लक्ष्मेश्वर, पूर्वी पोखरखाली, कसून, ढूंगाधारा, बाड़ीबगीचा, दरबारीनगर, दुगालखोला, ऑफीसर्स कॉलोनी, खोल्टा, तिलकपुर, एनटीडी, थपलिया, चंपानौला, पनियाउड्यार, विवेकानंदपुरी, सरकार की आली आदि क्षेत्रों में बंदरों का आतंक व्याप्त है। बंदरों का झुंड सुबह ही इन क्षेत्रों में पहुंच रहा है। लोगों द्वारा अपनी जरूरत के लिए बोई सब्जियों को बंदर तहस नहस कर दे रहे हैं। इतना ही नहीं राह चलते लोगों पर यह झपट पड़ते हैं। इनके आतंक से बच्चे स्कूल जाने से कतराने लगे हैं। डे केयर सेंटर, गवर्नमेंट पेंशनर्स एसोसिएशन, पूर्व सैनिक लीग, केंद्रीय सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण समिति, उत्तराखंड क्रांति दल जनहितों से जुड़ी इस समस्या के समाधान की मांग लंबे अर्से से कर रहा है, इसके बाद भी नगर में समस्या जस की तस बनी हुई है। उधर ग्रामीण क्षेत्रों में दिन में बंदरों का तो रात में जंगली सूअरों के आतंक से ग्रामीण परेशान हैं। बंदरों का झुंड दिन में जहां काश्तकारों की फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं तो रात में जंगली सूअर साग भाजी को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इससे ग्रामीण परेशान हैं। किसान संगठन के शिव दत्त पांडे ने बंदरों व सुअरों की समस्या के निराकरण को दीर्घकालीन नीति तैयार किए जाने की मांग उठाई है।